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व्यवस्थाएं भरमार, पहचान पाने को आवेदक ढूंढ रहे 'आधार'

सुलतानपुर में आधार कार्ड बनवाने और संशोधन करवाने में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि डाकघरों और बैंकों में आधार कार्ड बनवाने वालों की लंबी-लंबी लाइन लग रही हैं. इसके बावजूद कुछ ही लोगों को आधार कार्ड का फॉर्म मिल पा रहा है. ज्यादातर लोग बिना फॉर्म पाए खाली हाथ वापस लौट रहे हैं.

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आधार कार्ड नहीं बनने से लोग परेशान

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Published : Jan 18, 2021, 8:50 PM IST

सुलतानपुरःआधार कार्ड आज सबके लिए बेहद जरूरी है, फिर चाहे वो छात्रों के एडमिशन के लिए हो, बैंक के खाते खुलवाने के लिए या फिर सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए, बिना आधार कार्ड किसी भी योजना का लाभ नहीं लिया जा सकता. लेकिन कागजी कोरम पूरा करने और धरातल पर व्यवस्थाएं नहीं सुधरने के चलते आधार कार्ड के लिए लोगों को लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं. फिर चाहे वो छात्र हो, या फिर बुजुर्ग नागरिक सभी को पोस्ट ऑफिस और बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. आलम ये है कि दो से तीन घंटे पहले पहुंचने वालों को भी आधार कार्ड का फॉर्म नहीं मिल पा रहा है. यानि पहचान साबित करने की मुकम्मल व्यवस्था आधार कार्ड की खोजबीन में लगे हुए हैं. इसके लिए डाकघर और बैंक एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

आधार कार्ड के लिए काट लोग चक्कर काटने को मजबूर

'आधार' के लिए चक्कर
लोगों को आधार बनवाने में परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए सरकार की तरफ से पूरी व्यवस्थाएं की गईं हैं. आधार कार्ड बनवाने का जिम्मा बैंक और डाकघर दोनों को दिया गया है. दोनों जगह पर आधार कार्ड बनवाने वाले सिर्फ चक्कर काट रहे हैं. जबकि बैंक और डाकघर एक दूसरे पर इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

बैंकों में सुविधाएं नहीं
प्रधान डाकघर की अध्यक्षता में सभी क्षेत्रीय डाकघरों में आधार कार्ड काउंटर संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं. बैंक को अतिरिक्त काउंटर खोल कर लोगों का आधार कार्ड जारी करने और संशोधन करने की हिदायत दी गई है. आधार कार्ड के लिए डाकघर में तो एक काउंटर संचालित है. लेकिन बैंकों की तस्वीर जुदा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि रोजाना लाइन में लगने के बाद भी 100 में से 20 लोगों को ही फॉर्म दिया जा रहा है. जबकि 80 लोग खाली हाथ वापस लौट रहे हैं.

बैंक को जिम्मेदार ठहरा रहे डाकघर
प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर मनोज श्रीवास्तव कहते हैं कि पिछले समय में काउंटर संचालित नहीं होने और लॉकडाउन की वजह से दबाव बना हुआ था. लेकिन अब वह स्थिति नहीं है. प्रधान डाकघर की तरफ से 30 से 32 जगहों पर आधार कार्ड बनाने के लिए ग्रामीण अंचल में केंद्र संचालित हैं. अगर बैंक भी आधार कार्ड बनवाने में सहयोग करे, तो लोगों को बड़ी सहूलियत हो जाएगी.

बंद काउंटरों के खिलाफ की गई कार्रवाई
जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने बताया कि यूएडीआई की देख-रेख में आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा लखनऊ से भी इसकी निगरानी की जा रही है. प्रधान डाकघर और बैंक में इसके लिए काउंटर संचालित किए गए हैं. डीएम रवीश गुप्ता ने बताया बीच में कुछ केंद्र बंद हो गए थे. इन केंद्रों को खुलवाने के लिए यूएडीआई के साथ बैठक कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. जिलाधिकारी ने बताया कि सरकारी कामकाज के लिए भी कुछ केंद्र संचालित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि भीड़ होने पर अतिरिक्त काउंटर खोलकर अव्यवस्थाएं दूर की जाएगी.

आधार कार्ड संशोधन में भी देरी
आधार कार्ड के काउंटरों पर जन्म तिथि, पता और मोबाइल नंबर संशोधन के अधिक मामले आ रहे हैं. जिसमें मोबाइल नंबर का आंकड़ा सर्वाधिक है. डाकघर में रोजाना डेढ़ सौ लोगों के आवेदन करने आते हैं. जिसमें 50 आधार कार्डों में ही संशोधन किया जा रहा है. जिसके चलते स्थानीय लोग आधार कार्ड काउंटर बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं.

'आधार' से पहचान सुनिश्चित
नटौली इंटर कॉलेज के संचालक डॉ शैलेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि आधार कार्ड में सभी विवरण होते हैं. जन्म तिथि, पता समेत फोटो की पहचान सुनिश्चित हो जाती है. इसलिए प्रवेश में आधार कार्ड को संलग्न किया जाता है और इसे शामिल किया जाता है.

आधार कार्ड से पहचान सुनिश्चित

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