सुलतानपुर: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाए जाने के एवज में 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का मामला जिला एवं सत्र न्यायालय में आया था. वाद पत्र पर क्षेत्राधिकार के प्रकरण में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश पीके जयंत ने वाद पत्र खारिज कर दिया. वहीं अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है.
सुलतानपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने स्मृति ईरानी पर लगे आरोपों को खारिज किया. महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर रकम मांगने का था आरोप
राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज वर्तिका सिंह के मुताबिक केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के इशारे पर निजी सचिव विजय गुप्ता और रजनीश सिंह ने 25 लाख रुपये की वसूली का प्रयास उनसे किया था. उन्हें राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाए जाने के एवज में धनराशि मांगी गई थी. इस पर न्यायालय में 23 दिसंबर 2020 को वाद पत्र लाया गया था.
'मंत्री को बदनाम करने की साजिश'
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अधिवक्ता संतोष पांडेय का कहना है कि एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोप पत्र खारिज कर दिया है. केंद्रीय मंत्री को बदनाम करने के लिए यह सब साजिश रची गई थी.
न्यायालय में वर्तिका सिंह, उनकी मां और अधिवक्ता पेश हुए. शाम की पाली में एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोप पत्र खारिज करते हुए आदेश जारी किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री के पक्ष में जश्न का माहौल देखा गया. वहीं वर्तिका सिंह फैसले के बाद तुरंत न्यायालय परिसर से चली गईं.
माननीय एमपी-एमएलए कोर्ट में क्षेत्राधिकार पर बहस हुई. हमारे वाद पत्र को निरस्त कर दिया गया है. हम उच्च न्यायालय जाएंगे और न्याय मांगेंगे. जो मुकदमे केंद्रीय मंत्री के इशारे पर दर्ज कराए गए हैं, उसकी जांच चल रही है. हमने अपनी तरफ से साक्ष्य उपलब्ध करा दिए हैं.
-रोहित त्रिपाठी, अधिवक्ता अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज वर्तिका सिंह