सुलतानपुरः 17 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग का शिकार हुए 3 संतों की मौत हो गई थी. इनमें से एक सन्त सुशील गिरि चांदा थाना क्षेत्र के प्रतापपुर कमैचा के रहने वाले थे. संत की मौत की जानकारी मिलने के बाद से उनके घर पर मातम पसरा हुआ है.
मॉब लिंचिंग का शिकार हुए संत के घर पसरा मातम - mob lynching at palghar in maharashtra
महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग का शिकार हुए सन्त सुशील गिरि के घर पर पसरा मातम. परिवार ने की दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग.
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संत सुशील गिरि के बचपन का नाम शिवनारायण उर्फ रिंकू दुबे था. घर वालों से मिली जानकारी के अनुसार संत सुशील गिरी 16 वर्ष की आयु में ही संतों का सानिध्य प्राप्त कर घर छोड़ चुके थे. कुछ वर्षो बाद मां से भिक्षा लेने घर पर आये तो घर वालों ने बहुत समझाया बुझाया परन्तु नही माने फिर संतों के पास वापस आश्रम चले गए. बाद में दूसरे तीसरे वर्ष अपनी जीवित मां का हाल-चाल लेने कभी-कभी घर पर आते जाते थे. शिवनारायण उर्फ रिंकू अपने पांच भाइयो में सबसे छोटे थे.
संत सुशील गिरि की मां मनराजी देवी ने जबसे पुत्र की मौत की खबर सुनी है बहुत दुखी हैं. पूरे परिवार में मातम छाया हुआ है. संत की माता ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि उनके पुत्र को न्याय मिलना चाहिए. महाराष्ट्र व केंद्र सरकार से दोषियों को फांसी की सजा की मांग की गई है.