सुलतानपुर: नवनिर्वाचित चेयरमैन प्रवीण अग्रवाल को शपथ दिलाने आए प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल विपक्ष पर हमलावर दिखे. कार्यक्रम स्थल पर उन्होंने संसद भवन के उद्घाटन समारोह में विपक्ष के शामिल नहीं होने पर निंदा की. उन्होंने कहा कि सदन में सत्ता पक्ष ही नहीं विपक्ष भी बैठता है. संसद संवैधानिक व्यवस्था है, इस पर राजनीति करना अच्छा नहीं है.
इससे पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल का जिला अधिकारी जसजीत कौर और पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा ने मंच पर स्वागत किया. भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष आरए वर्मा का अधिशासी अधिकारी श्याम इंद्र मोहन ने स्वागत अभिनंदन किया. मंच से प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने सुल्तानपुर विधायक विनोद सिंह, जयसिंहपुर विधायक राज बाबू उपाध्याय, कादीपुर विधायक राजेश गौतम, लंभुआ विधायक सीताराम वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह, सांसद मेनका गांधी के प्रतिनिधि रंजीत कुमार का नाम लेते हुए स्वागत किया.
मंत्री आशीष पटेल बोले, संसद भवन पर राजनीति ठीक नहीं, यहां विपक्ष के लोग भी बैठेंगे
सुलतानपुर में नवनिवर्चित चेयरमैन को शपथ दिलाने पहुंचे प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेलने विपक्ष पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि संसद भवन पर राजनीति करना अच्छा नहीं है. संसद संवैधानिक व्यवस्था है. जहां पर पक्ष और विपक्ष दोनों बैठते हैं.
जिला अधिकारी जगजीत कौर ने चेयरमैन प्रवीण अग्रवाल को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इसी क्रम में 25 वार्ड के सभासदों ने भी कर्तव्य परायणता की शपथ ली. दर्शक दीर्घा में चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार वरुण मिश्रा भी उपस्थित रहे. प्रवीण अग्रवाल ने सभी मतदाताओं का आभार जताते हुए आज के दिन से विकास कार्य शुरू करने की बात कही. प्रमुख सभासदों में अखिलेश मिश्रा, रमेश सिंह, अरुण तिवारी, गिरीश मिश्रा, विजय जायसवाल, दिनेश चौरसिया, अंतिमा गुप्ता, पूर्णिमा कुमारी, दीप सिंह आदि मौजूद रहे.
शपथ ग्रहण समारोह के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए जिला प्रभारी और प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा, "सबसे पहले मैं सुल्तानपुर के मतदाताओं का बहुत आभार व्यक्त करूंगा. जिन्होंने प्रवीण अग्रवाल को भारी मतों से जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है'. मीडिया के सावल पर मंत्री ने कहा कि 'संसद लोकतंत्र की आत्मा है. संसद को राजनीति का अड्डा बनाएंगे और उसके उद्घाटन और शिलान्यास पर राजनीति करेंगे, तो इससे बड़ा निंदनीय कार्य कुछ भी नहीं है. मैं यही कहूंगा कि संसद के उद्घाटन में सबको आना चाहिए. सरकार ने सबको निमंत्रण दिया है. अच्छी भावना के साथ उसमें प्रतिभाग करना चाहिए. संसद में सत्ता पक्ष के लोग ही नहीं बैठेंगे, विपक्ष के लोग भी बैठेंगे.'