सुलतानपुर: जिले में ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में इन्हें बेहतर शिक्षा परवरिश और तकनीकी ज्ञान मुहैया कराने के लिए खोजबीन कार्यक्रम आयोजित किया गया. निर्धन और गरीब बच्चों की पहचान करने के लिए मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर शहर से सटे पारऊपुर ग्राम में खिचड़ी भोज कार्यक्रम आयोजित हुआ. इन गरीब लोगों के अभिभावकों को कंबल बांटे गए और बच्चों की शिक्षा दीक्षा का दायित्व लिया गया.
खिचड़ी भोज कार्यक्रम आयोजित हुआ. अगर ऐसे बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाएगी तो समाज से गरीबी कम की जा सकती है
पूजा कसौधन कहती हैं कि वह आर्थिक रूप से तंग परिवार के बच्चों को बौद्धिक संपदा संयुक्त करने के लिए यह कार्यक्रम चला रही हैं. संपन्न और समृद्ध परिवारों से चंदा लेती हैं. 500 से 1000 या डेढ़ से 2 हजार लिए जाते हैं. यह पैसा ऐसे गरीब बच्चों की शिक्षा में लगाए जाते हैं,जो तकनीकी और बेहतरीन शिक्षा लेने में असमर्थ हैं. 56, 57 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है. मुझे लगता है कि यदि ऐसे बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाएगी तो समाज से गरीबी कम की जा सकती है. स्वच्छता अभियान को मिशन पर पहुंचाया जा सकता है.
स्थानीय निवासी मोहम्मद शहीद अहमद ने जानकारी देते हुए बताया
बाल खिचड़ी भोज कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस दौरान गरीब लोगों को कंबल दिए गए और वंचित बच्चों को शिक्षित करने के लिए नव युवकों को प्रेरित और संकल्पित किया गया.
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