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सांसद मेनका गांधी के प्रतिनिधि के साथ लेखपालों ने की अभद्रता - sultanpur samachar

साल 2018 से बाधित सार्वजनिक रास्ता खुलवाने पहुंचे सांसद मेनका गांधी के प्रतिनिधि रंजीत कुमार को लेखपालों की लामबंदी का सामना करना पड़ा. जनप्रतिनिधि पर दबाव बनाने के लिए लेखपालों ने अब अभद्रता करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

सांसद मेनका गांधी के प्रतिनिधि के साथ लेखपालों ने की अभद्रता
सांसद मेनका गांधी के प्रतिनिधि के साथ लेखपालों ने की अभद्रता

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Published : Jan 7, 2021, 7:44 AM IST

Updated : Jan 7, 2021, 8:50 AM IST

सुलतानपुरः सांसद मेनका गांधी के प्रतिनिधि रंजीत कुमार को लेखपालों की लामबंदी का सामना करना पड़ा. वे साल 2018 से बाधित एक सार्वजनिक रास्ते को खुलवाने के लिए पहुंचे थे. जहां जनप्रतिनिधि पर दबाव बनाने के लिए लेखपालों ने अभद्रता करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया है. लेखपालों का विरोध देखते हुए सांसद प्रतिनिधि सदर तहसील से बाहर निकल गये. उन्होंने कहा कि सांसद मेनका गांधी ने रास्ता खुलवाने के लिए पूर्व में एसडीएम को पत्र लिखा था.

सार्वजनिक रास्ता खुलवाने गये सांसद प्रतिनिधि के साथ बदसलूकी

रास्ते के लिए सांसद 4 बार लिख चुकी हैं पत्र

पूरा मामला सदर तहसील के हरिहरपुर विनायकपुर गांव से जुड़ा हुआ है. कुड़वार ब्लॉक के तहत इस गांव में बीते 2 साल से सार्वजनिक रास्ता बाधित है. सांसद मेनका गांधी इस प्रकरण को लेकर 4 बार सदर तहसील प्रशासन को पत्र लिख चुकी हैं.

10,000 लेकर लेखपाल ने किया पक्षपात

हरिहरपुर विनायकपुर गांव के नरेंद्र बहादुर सिंह कहते हैं कि सत्र 2018 से सार्वजनिक रास्ते का मामला चल रहा है. मैंने सांसद मेनका गांधी के पास इस प्रकरण को उठाते हुए रास्ता खुलवाए जाने की मांग की थी. लेखपाल सईद अहमद की ओर से 10 हजार लेकर पक्षपात किए जाने की जानकारी भी दी गई है.

आधे घंटे तक गहमागहमी

बुधवार को सांसद प्रतिनिधि रंजीत कुमार एसडीएम सदर रामजीलाल के बुलावे पर तहसील सदर पहुंचे. जहां पर रास्ता खुलवाए जाने का मामला उठाया गया. जिसके बाद लेखपालों ने उनसे अभद्रता की और प्रदर्शन शुरू कर दिया. पूरे मामले में तहसीलदार जितेंद्र गौतम और न्याय तहसीलदार पीयूष श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे. वहां पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया.

समस्या समाधान के लिए किया हस्तक्षेप

सांसद मेनका गांधी से मिलने के लिए वहां के स्थानीय ग्रामीण चार बार आ चुके हैं. चार बार वे पत्र दे चुके हैं. बुधवार को ग्रामीण एक बार फिर पहुंचे. जिसको लेकर समस्या के बारे में मैंने एसडीम सदर से बातचीत की. उन्होंने मुझे तहसील सदर में बुलाया. एसडीएम ने बताया कि सभी अधिकारी कर्मचारियों के साथ तहसील में बैठक चल रही है. शिकायत का निस्तारण यही कर दिया जायेगा. चपरासी के कहने पर मैं तहसीलदार कक्ष में ही बैठ गया. जब मैं वहां से निकलने लगा, तो मुझे बैठक स्थल पर बुलाया गया. इस दौरान मैंने तहसीलदार जितेंद्र गौतम से कहा कि बैठक हम भी करते हैं, व्यस्तता होती है. लेकिन इसके बाद जरूरी कॉल पर कॉल बैक भी किया जाता है. इसी बात पर 3 से 4 लेखपाल अभद्रता कर प्रदर्शन करने लगे.

Last Updated : Jan 7, 2021, 8:50 AM IST

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