सुलतानपुरः पुलिस कस्टडी में दलित कैदी के मौत मामले में थानाध्यक्ष, उप निरीक्षक और सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मुकदमा लूट, जानलेवा हमला, एससी-एसटी एक्ट और घर में घुसकर मारपीट करने का मामला दर्ज कर लिया गया है.
किशोरी को लेकर गायब हुआ था राजेश कोरी
पिछले 30 मई को जगदीशपुर कुड़वार थाना क्षेत्र का रहने वाला राजेश कोरी नाबालिग किशोरी को लेकर फरार हो गया था. परिजन थाने का चक्कर लगाते रहे, लेकिन गुमशुदगी और अपहरण का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. मिली जानकारी के मुताबिक 3 जून को राजेश कोरी किशोरी के साथ थाने पहुंचा. पुलिस के दबाव पर राजेश कोरी ने सरेंडर कर दिया. इसी दौरान राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई. परिजन शव का अंतिम संस्कार न कर घर पर लेकर बैठ गए. एसडीएम रामजीलाल क्षेत्राधिकारी राघवेंद्र चतुर्वेदी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. समझा-बुझाकर अंतिम संस्कार के लिए राजी करने का प्रयास किया. मृतक राजेश कोरी के परिजन आशा देवी की तहरीर पर थानाध्यक्ष अरविंद पांडेय, दारोगा संजय यादव और सिपाही बृजेश सिंह के खिलाफ जानलेवा हमला करने, घर में घुसकर मारपीट करने, लूट करने और एससी- एसटी एक्ट के तहत मुकदमा कुड़वार थाने में दर्ज कराया.
ये भी पढ़ें- बाबा रामदेव चाहें तो ज्योतिष विद्या में नव प्रवेशी छात्र से कर लें शास्त्रार्थ-ज्योतिष विभाग BHU
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में शव के अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों के साथ परिजन निकल गए हैं. मुकदमे में दलित पुलिसकर्मी शस्त्राजीत का नाम पहले से निकाल देने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं पुलिसकर्मियों के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज किए जाने से विभाग में गहमागहमी का माहौल देखा जा रहा है.