सुल्तानपुर: राज्य अध्यापक पुरस्कार चयन में पक्षपात का मुद्दा बन गया है. एक शिक्षिका ने महिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी के खिलाफ संघर्ष छेड़ने का ऐलान किया है. अपनी योग्यता और चयन सूची में नाम को आधार बनाते हुए भूख हड़ताल का ऐलान किया है. बीएसए के खिलाफ शिक्षक के उग्र आंदोलन से शिक्षा महकमें में चर्चा का माहौल गर्म हो गया है. वहीं, सांसद मेनका गांधी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को षड्यंत्रकारी महिला करार देते हुए डीएम को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है.
डॉक्टर पल्लवी तिवारी उच्च प्राथमिक विद्यालय चंद्रनगर अंतर्गत चकरपुर ग्राम पंचायत ब्लॉक दुबेपुर में शिक्षिका के रूप में तैनात हैं. उनका दावा है कि 100 से अधिक उनके पास प्रमाण पत्र हैं, जिसमें उन्होंने सामाजिक सरोकार समेत अन्य विभिन्न क्षेत्रों में बहुत ही उत्कृष्ट कार्य किया है. अंग्रेजी भाषा में विद्यार्थी कैसे पारंगत हो, इस पर उन्होंने नवाचार करते हुए बेहतर शोध कार्य भी किया है.
पल्लवी तिवारी का आरोप है कि राज्य अध्यापक के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने पहल शुरू की थी. जिसके बाद शिक्षकों की पात्रता सूची तैयार की गई. जिसमें उसे भी शामिल किया गया था. जबकि फाइनल सूची में मोतिगरपुर विकासखंड के कैथाना प्राथमिक विद्यालय में तैनात अरुण प्रजापति, जयसिंहपुर विकासखंड के वैदहा में तैनात कांति सिंह और दुबेपुर ब्लॉक के पलहीपुर द्वितीय ग्राम पंचायत में तैनात शिक्षिका अनुपम शुक्ला को भी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया.
शिक्षकों के चयन प्रक्रिया में पक्षपात करने का आरोप लगाया गया है. आरोप के मुताबिक शिक्षिका डॉक्टर पल्लवी तिवारी के खिलाफ पक्षपात करते हुए उन्हें चयन सूची से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. जिसके खिलाफ वह बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी के खिलाफ आक्रामक हुई है और भूख हड़ताल करने का ऐलान करते हुए प्रशासन को इस प्रकरण से अवगत कराया है. यह पूरा मामला बेसिक शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है.