सुलतानपुर :योगी सरकार की मानें तो धान क्रय केंद्र पर किसानों से शत-प्रतिशत खरीद की जा रही है. लेकिन सरकारी सेंटरों पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों ने खरीद का कुछ अलग ही पैमाना बना रखा है. वहीं किसान घंटों इंतजार कर रहे हैं, इसके बाद भी वापस लौटाए जा रहे हैं.
किसानों ने उठाया सवाल
जिला खाद्य एवं विपणन विभाग की तरफ से जिले के सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्र में जहां पर धान की आवक अधिक देखी जा रही है. वहां क्रय केंद्रों की अनिवार्यता और उपस्थिति बेहतर की गई है. राजापुर निवासी किसान पंकज सिंह कहते हैं कि इधर-उधर से धान खरीदा जा रहा है. हम अपना धान लेकर आए हैं. लेकिन धान खरीद करने के बजाय टालमटोल किया जा रहा है. हमारे सामने 85 बोरा धान तौला जा चुका है, पीछे के रास्ते से भी धान लाया जा रहा है. लेकिन हमारा धान नहीं खरीदा जा रहा है.
धान खरीद का दोहरा मापदंड. किसान बोले, 26 कुंटल धान का मिला भुगतान
कुड़वार ब्लॉक के परसीपुर सरैया निवासी अजय कुमार तिवारी कहते हैं कि 26 कुंटल धान लेकर आए थे. जो क्रय केंद्र पर खरीद लिया गया है. इसका भुगतान भी हमें मिल चुका है. दरअसल प्रशासन की तरफ से जिले में कुल 52 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. इसमें से 11 केंद्र जिला खाद्य एवं विपणन इकाई के हैं. किसानों को 1868 रुपए समर्थन मूल्य धान बिक्री के एवज में दिया जा रहा है. वहीं 20 रुपए सफाई और उतराई के नाम पर लिए जा रहे हैं. जो समर्थन मूल्य के साथ भुगतान भी किया जा रहा है.
दबाव में खरीदा धान : क्षेत्रीय विपणन अधिकारी
क्षेत्रीय विपणन अधिकारी शिशिर कांत गर्ग ने बताया कि हमारा धान सेंटर से उठ नहीं रहा है. इसकी शिकायत जिलाधिकारी स्तर से की गई है. किसान की तरफ से लगाया गया आरोप सत्य नहीं है. जिला अधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम की तरफ से जांच भी हुई है. उन्होंने कहा कि मानक के विपरीत धान की खरीद नहीं की जा रही है. दबाव में कुछ धान खरीदा गया है, लेकिन वह उठ नहीं रहा है.