सुलतानपुरः हत्या के मामले में सुलतानपुर जेल में निरुद्ध चल रहे बंदी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई. रविवार को हुई उसकी मौत के बाद परिजनों ने जिला प्रशासन और जिला कारागार प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि बंदी के बीमार होने की उन्हें जानकारी तक नहीं दी गई.
पूरा मामला सुलतानपुर जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत भट्ठी जरौली गांव से जुड़ा हुआ है. हत्या के मामले में यहां का निवासी मो. सुफियान पुत्र मोहम्मद सलीम जिला कारागार में निरुद्ध चल रहा था. आठ माह पूर्व मोहम्मद सुफियान को नगर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. सुफियान की संदिग्ध हालात में मौत हो गई.
चचेरे भाई ने जेल प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप. परिजनों का आरोप है कि सुफियान की मौत की सूचना प्रशासन या जेल प्रशासन की तरफ से उन्हें नहीं दी गई. बीमार होने के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मुहैया कराई गई. ऐसे में उसकी मौत का जिम्मेदार जेल प्रशासन है.
बता दें कि खैंचला गांव के मुन्ना तिवारी की हत्या के मामले में मो. सुफियान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. सरेशाम हुई इस हत्या के मामले में ही सूफियान को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. रविवार भोर उसकी मौत हो गई. पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा के मुताबिक डेडबॉडी का पोस्टमार्टम कराकर आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी. वहीं, जेल अधीक्षक आचार्य उमेश प्रताप सिंह का कहना है कि बंदी में हार्ट अटैक जैले लक्षण दिखे थे जिस पर उसे जिला कारागार से जिला अस्पताल भेजा गया था. रास्ते में उसकी मौत हो गई.
वहीं, सूफियान के चचेरे भाई रिजवान का आरोप है कि सुबह गांव वालों ने फोन कर बताया था कि सुफियान की तबीयत खराब है. हम लोग भागकर जिला अस्पताल पहुंचे. हम घर पर गाड़ी धो रहे थे और रिश्तेदारी में जाने की तैयारी कर रहे थे. प्रशासन की इस मामले में बड़ी लापरवाही है. जब उसकी तबीयत खराब थी तो इसकी जानकारी परिजनों को दी जानी चाहिए थी. उसका इलाज कराया जाना था. जिला जेल की तरफ से इससे पहले कोई भी सूचना मुहैया नहीं कराई गई.
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