सुलतानपुर: जिले में बदले की रंजिश में गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में चचेरे भाइयों को न्यायालय ने दोषी ठहराया है. इसी क्रम में दोनों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा जिला एवं सत्र न्यायालय की तरफ से सुनाई गई. साथ ही 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है. वहीं किशोर मामले में विचारण किशोर न्यायालय में चल रहा है.
बदली की रंजिश में भड़की थी आग
पूरा मामला कादीपुर कोतवाली के मखदूमपुर कला गांव से जुड़ा हुआ है. जहां की रहने वाली शशिकला ने 26 नवंबर 2008 को दिन में करीब 4 बजे की घटना दर्शाते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप के अनुसार उनके बड़े पिता श्यामलाल खेत में बुवाई कर घर के लिए वापस आ रहे थे. रास्ते में मंदिर के पास तिराहे के निकट अभियुक्त यज्ञ नारायण, उनके पुत्र आशीष शर्मा , चचेरे भाई राधेश्याम और रिश्तेदार संजीत ने दिनदहाड़े गोलियां बरसा दी थी. घटना में उनकी मौत हो गई थी. घटना के पूर्व हत्यारोपी यज्ञ नारायण के परिवार के एक सदस्य की हत्या इसी मामले में पहले कर दी गई थी. जिसमें शशि कला के घर के सदस्य मौजूद थे.
बदला के लिए बुना गया हत्या का ताना-बाना
इसी हत्या की रंजिश को लेकर यज्ञ नारायण और अन्य आरोपियों ने मिलकर श्याम लाल शर्मा की हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. जिसमें चचेरे भाई राधेश्याम और यज्ञ नारायण के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था. घटना से जुड़े नामजद आरोपी संजीत, आशीष शर्मा के किशोर होने के चलते आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल हुआ. जिसमें विचारण की कार्रवाई की जा रही है.
7 गवाहों के बयान पर सुनाई गई सजा
पूरे मामले में आरोपी यज्ञ नारायण और आरोपी राधेश्याम के बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की तरफ से साक्ष्य प्रस्तुत किए गए. जिला शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर सिंह ने 7 गवाहों का परीक्षण कराया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष राय ने चचेरे भाई यज्ञ नारायण और राधेश्याम को हत्या के आरोप में दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
पीड़ित को मिलेगी अर्थदंड की धनराशि
साथ ही 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है. धनराशि में से 80 प्रतिशत धनराशि देने का आदेश दिया गया. न्यायालय का फैसला आने पर पीड़ित परिवार ने हर्ष जताया. कहा 9 साल लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला है..