सुलतानपुर: नगर पालिका चेयरमैन और सभासदों के बीच चल रही लड़ाई में जिलाधिकारी ने सभासदों को जीत का ताज पहना दिया है. चहेते ठेकेदारों को टेंडर देने की चेयरमैन की मंशा पर पानी फिर गया है. जिलाधिकारी ने नगरपालिका के विकास कार्यों से संबंधित टेंडर के लिए ठेकेदारों की चयन की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का आदेश दिया है.
सुलतानपुर: सभासदों ने चेयरमैन पर लगाया पक्षपात करने का आरोप, जिलाधिकारी ने की कार्रवाई - councilors accused of bias on municipal chairman
उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में नगर पालिका चेयरमैन अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर दिलाने के मामले में फंसती नजर आ रही है. सभासदों ने इस बात का विरोध करते हुए जिलाधिकारी को बताया कि नगर पालिका की चैयरमैन ने पक्षपाती होकर ठेकेदारों को टेंडर दिलाया है.
सभासदों ने चेयर मैन पर पक्षपाती होने का लगाया आरोप.
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- मामला नगर पालिका में ठेकेदारों के पंजीकरण का है.
- नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल ने अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया था.
- जिलेभर के ठेकेदारों को काम करने की वजह नगरपालिका के कुछ चुनिंदा ठेकेदारों का चयन कर सूची बनाई गई थी.
- इन ठेकेदारों को टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया गया था.
- इस पक्षपात को सभासद मंजू, अमोल बाजपेई और अजय सिंह ने प्रमुखता से जिलाधिकारी के समक्ष उठाया था.
- जांच प्रक्रिया के दौरान ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया को पक्षपातपूर्ण पाया गया.
- इस पर जिलाधिकारी ने पुरानी ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया को अवैध मान लिया है.
ठेकेदार चयन प्रक्रिया में पक्षपात और भ्रष्टाचार के मुद्दे को जिलाधिकारी सी इंदुमती के समक्ष उठाया था. जिस पर उन्होंने यह आदेश पारित किया है कि पूरी प्रक्रिया फिर से शुरू कराई जाए. जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका रविंद्र कुमार को आदेश जारी किया है.
-अमोल बाजपेई, सभासद