सुलतानपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन का पालन करने की अपील का उनके ही विधायक मखौल उड़ा रहे हैं. बंदी का अनुपालन करा रहे आरक्षी को पहले जनप्रतिनिधि की तरफ से दवा लेने का झांसा दिया गया. जब उसने पर्चा दिखाने को कहा तो जनप्रतिनिधि की पोल खुल गई, जिसके बाद उन्होंने आरक्षी पर दबाव बनाने के लिए पुलिस अधीक्षक से पैरवी लगाई.
विधायक ने लॉकडाउन का किया उल्लंघन. एसपी की पैरवी पर आरक्षी के शिकंजे से निकलकर विधायक घर पहुंचे. मामले में कर्तव्य निष्ठा और अदम्य साहस का परिचय देने के मामले में एसपी शिवहरि मीणा ने आरक्षी को 500 रुपये नगद पुरस्कार के साथ सम्मानित किया.
मामला शाहगंज चौकी क्षेत्र में तैनात आरक्षी राकेश मौर्या से जुड़ा हुआ है. सोमवार की रात भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक लॉकडाउन का उल्लंघन कर गुजर रहे थे. इसी बीच आरक्षी राकेश मौर्या ने उन्हें सिपाही विकास तिवारी के साथ रोक लिया. फंसने पर जनप्रतिनिधि की तरफ से दवा लेने का बहाना बनाया गया.
जब आरक्षी ने पर्चा मांगा तो जनप्रतिनिधि दिखाने में नाकामयाब रहे और उनकी पोल खुल गई. आरक्षी पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने पुलिस अधीक्षक को फोन किया, जिस पर एसपी शिवहरि मीणा ने विधायक के पद का सम्मान करते हुए उन्हें छोड़ने का निर्देश आरक्षी को दिया. यह मामला चर्चा का विषय बना रहा.
एसपी शिवहरि मीणा ने बताया, 'मैं पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर बैठा था, जिस पर एक जनप्रतिनिधि महोदय का फोन आया. उन्होंने बताया कि मुझे शाहगंज चौकी पर रोक लिया गया है. जब मैंने पूछा कि आपको क्यों रोक लिया गया है तो उन्होंने बताया कि दवा लेने जा रहे हैं, लेकिन डॉक्टर का पर्चा नहीं है. इसके बावजूद आरक्षी ने लॉकडाउन में उन्हें रोका.
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एसपी ने बताया कि, ' विधिक प्रक्रिया के तहत रोकने पर उन्होंने पर्चा नहीं होने की सूचना देते हुए अनुरोध किया, जिस पर आरक्षी को फोन कर जनप्रतिनिधि को छोड़ने का निर्देश दिया गया. उत्कृष्ट कार्य के लिए आरक्षी/दीवान को 500 रुपये नगद पुरस्कार के साथ सम्मानित किया गया है.