सुलतानपुर: केंद्र और प्रदेश सरकार बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है, लेकिन अधिकारियों की मनमानी के चलते इन योजनाओं का लाभ पात्र बेरोजगारों तक नहीं पहुंच पा रहा है. प्रदेश सरकार बेरोजगारों को लोन मुहैया कराने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम और प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना का संचालन कर रही है. इन योजनाओं के तहत ऑटो के लिए भी लोन दिए जाते हैं. लापरवाही के चलते इन योजनाओं के आवेदकों की उम्मीद सरकारी फाइलों में दब कर रह जाती है.
लोन के लिए बैंक के ऑटो चालकों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं
धरातल पर नहीं उतर पा रही योजनाएं
प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति के लोगों को ऑटो रिक्शा देने के लिए अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम को दायित्व सौंपा है. इसके तहत 2 से 15 लाख तक का ऋण दिए जाने का प्रावधान है. योजना के तहत लाभार्थी को ऑटो की कुल कीमत का 5 से 10 प्रतिशत धन देना पड़ता है. वहीं 35% मार्जिन मनी सरकार की तरफ से दी जाती है, जबकि शेष धनराशि बैंक स्वीकृत करता है.
जिला उद्योग केंद्र और बैंक से ऋण लेने में आवेदकों को पसीने छूट जाते हैं. मानक पूरा करने का हवाला देकर अधिकारी आवेदकों को इतना दौड़ते हैं कि वह थक हारकर बैरंग लौट जाते हैं. सत्र 2020 में लगभग 500 से अधिक आवेदन आ चुके हैं, लेकिन स्वीकृति के नाम पर फाइलें धुल फांक रही है. बिना गारंटी ऋण दिए जाने की कवायद फाइलों से नहीं निकल पाने के चलते पात्र लोगों को जिला उद्योग केंद्र और बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
आवेदक बोले नहीं मिलता लोन
लोन के लिए आवेदन करने वाले दुबेपुर ब्लॉक के अहिमाने निवासी मोबीन अहमद ने बताया कि लोन लेने के लिए उन्हें बैंक और अधिकारियों के चक्कर काटने पड़े, इसके बावजूद उन्हें अभी लोन नहीं मिला है. फिलहाल मोबीन अहमद दूसरे की गाड़ी चलाकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं. वहीं पयागीपुर चौराहा निवासी अजय कुमार का कहना हैं कि वह जब कार्यालय जाते हैं तो अधिकारी मिलते ही नहीं है, ऐसे में लोन नहीं मिल पा रहा है.
मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स ने बताया कि लोन दो तरीके से दिया जाता है. ऑटो रिक्शा वालों को भी इसका फायदा मिलता है. 10 हजार रुपये की छूट हमारी तरफ से दी जाती है. इसमें मार्जिन मनी दिए जाने का भी प्रावधान है. यह योजना अनुसूचित जाति के लोगों के लिए है. सामान्य वर्ग के लोगों के लिए प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना है, जिसका क्रियान्वयन जिला उद्योग विभाग से किया जाता है.