सुल्तानपुर:जिले में तैनात रहे एसपी/चित्रकूट के डीआईजी, पीलीभीत के सीओ, रायबरेली के कोतवाल, कोतवाली नगर के दरोगा समेत सात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग सोमवार को सुल्तानपुर जिला जज जय प्रकाश पांडेय (Sultanpur District Judge Jai Prakash Pandey) ने खारिज कर दी. कोर्ट ने निगरानी कर्ता पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया.
सुल्तानपुर सिटी के कोतवाली नगर के मेजरगंज निवासी देशदीपक जायसवाल ने शिवम बरनवाल, राहुल, अर्चना और तत्कालीन एसपी एवं मौजूदा समय में चित्रकूट के डीआईजी विपिन कुमार मिश्र, पीलीभीत में तैनात पूर्व सीओ नगर सतीश चंद्र शुक्ला, रायबरेली में तैनात पूर्व कोतवाल भूपेंद्र सिंह और कोतवाली नगर के दरोगा मुकेश कुमार पर केस दर्ज करने के लिए सीजेएम कोर्ट में 20 दिसंबर 2021 को अर्जी दी थी.
देशदीपक ने आरोप लगाया कि तीन मई 2021 को दुकान का ताला तोड़कर उसमें रखा सामान और पांच हजार रुपये आरोपी लूट ले गए थे. इसमें पुलिस ने 7 मई की घटना दिखाते हुए केस दर्ज कर लिया था. आरोप है कि पुलिस ने साक्ष्य मिटाने और आरोपियों को बचाने का काम किया था. सीजेएम कोर्ट ने पुलिसकर्मियों और अन्य पर मुकदमा दर्ज कराने की अर्जी 7 दिसंबर 2022 को खारिज कर दी थी.
आदेश से क्षुब्ध होकर देशदीपक ने सेशन कोर्ट में निगरानी अर्जी दाखिल कर चुनौती दी थी. जिला जज ने निगरानी अर्जी खारिज कर सीजेएम के आदेश को सही ठहराया. निगरानीकर्ता पर 10 हजार रुपए हर्जाना लगाते हुए राजकीय कोष में जमा करने का आदेश दिया. (Application for trial against 7 people including Chitrakoot DIG rejected)
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