सुलतानपुर: अधिवक्ता हत्याकांड में मुख्य मुलजिम की गिरफ्तारी में नाकाम पुलिस को अधिवक्ताओं के आक्रोश का सामना करना पड़ा. आक्रोशित अधिवक्ताओं ने रिमांड के बाद जिला कारागार का कैदी वाहन पंक्चर कर दिया. वहीं, टायरों से हवा निकालने के बाद 2 घंटे तक अधिवक्ताओं का गुस्सा देख नगर कोतवाल मौके से रफूचक्कर हो गए. पुलिस को वकीलों को मनाने में घंटों मशक्कत करनी पड़ी.
बता दें कि रविवार को कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के भुलकी चौराहे के निकट अधिवक्ता आजाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सरे शाम हुए हत्याकांड के बाद उनके सगे भाई मुनव्वर को गंभीर स्थिति में ट्रामा सेंटर रेफर किया गया था. कोतवाली देहात पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर सिराज अहमद पप्पू समेत 8 के खिलाफ नामजत मुकदमा दर्ज किया था. जिसमें मृतक आजाद के मौसी मौसी भी शामिल है. पहले चरण में ही पुलिस ने मौसी और मौसी को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया.
इसके बाद तीन अन्य नामजद अभियुक्त गिरफ्तारी के साथ जेल भेजे गए. शुक्रवार को पुलिस ने हत्याकांड के मुख्य करता सिराज अहमद पप्पू के सगे भाई मेराज अहमद निवासी कोतवाली देहात प्यारेपट्टी और इकरामुद्दीन उर्फ पहलवान निवासी थाना गोसाईगंज को गिरफ्तार कर लिया. दोनों को लेकर पुलिस दीवानी पहुंची, जहां पर दोनों मुलजिमों रिमांड के बाद अधिवक्ता आक्रामक हो गए. कैदियों को वाहन में बैठाते समय अधिवक्ताओं ने वाहन को ढकेलने का भी प्रयास किया.
लेकिन, सिपाहियों की मुस्तैदी से बड़ी घटना टल गई. राम आशीष उपाध्याय के आते ही अधिवक्ता एक बार फिर उबल पड़े, वकीलों का आक्रोश देखकर नगर कोतवाल कुछ मिनट में ही वहां से नौ दो ग्यारह हो गए. बताया जा रहा है कि सिराज अहमद पप्पू और प्रिंस उर्फ इस्माइल की गिरफ्तारी पुलिस की तरफ से शेष है. एसओजी टीम प्रभारी भी दीवानी में नदारद रही. उपेंद्र के खिलाफ भी अधिवक्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है.