सोनभद्र: बीते वर्ष 17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गोलीकांड में पुलिस की तरफ से 28 नामजद और 53 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस ने ज्यादातर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था और सभी को जेल भेज दिया था. हालांकि विवेचना के दौरान कुछ लोगों की संलिप्तता गोलीकांड में नहीं पाए गई, जिसकी वजह से उनके नाम को इस केस से हटा दिया गया. अभी इस मामले में जिला और सत्र न्यायालय में मुकदमा चल रहा है और आरोपी पक्ष के 61 लोग जेल में निरूद्ध है. हालांकि अभी तक किसी को भी जमानत नहीं मिली है.
विवाद में गोली लगने से 11 लोगों की मौत
इस दौरान विवाद बढ़ा और लाठी-डंडे के साथ गोलियां भी चलीं, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए. हालांकि इस मामले का राजनीतिकरण भी खूब हुआ. दिल्ली से लेकर देश के सभी हिस्सों में इसके विषय में चर्चा हुई. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित 72 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले की विवेचना में 11 लोगों की संलिप्तता नहीं पाई गई, जिसके चलते 11 लोगों के नाम केस से अलग कर दिया गया. वहीं 61 लोग, जोकि जिला कारागार सोनभद्र में निरुद्ध हैं, उनके खिलाफ जिला और सत्र न्यायालय में मुकदमे की कार्रवाई चल रही है. आरोपियों की तरफ से जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी डाली गई, लेकिन हाई कोर्ट की तरफ से किसी को भी जमानत देने से इंकार कर दिया गया.
हालांकि घटना के कुछ दिन बाद मुख्य आरोपी यज्ञदत्त के भाई देवदत्त की पत्नी निधिदत्त ने कोर्ट में 156/3 के तहत अर्जी दी और 75 नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर घोरावल कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ. इस मामले की विवेचना के दौरान पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी. इसके बाद आरोपी पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में प्रोटेस्ट दाखिल किया गया.