सोनभद्र:अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलिकुज्ज्मा की अदालत ने 16 वर्ष पुराने मामले में दोषी मिलने पर दो सगे भाइयों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साल 2007 में दोनों सगे भाइयों ने मामूली विवाद में एक युवक की लाठियों से पीटकर हत्या कर दी थी. अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाते हुए आदेश दिया कि दोनों दोषी सगे भाइयों द्वारा जेल में बिताई गई अवधि सजा में ही समाहित की जाएगी. इसके अलावा न्यायालय ने दोनों पर 18-18 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
यह था पूरा घटनाक्रम:अभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल थाना क्षेत्र के पुरना गांव निवासी कप्तान गौड़ ने थाने में 28 अक्टूबर 2007 को तहरीर दी थी. वह अपने भाई प्रभु गौड़ और भाभी प्रभावती से उनके घर पर बातचीत कर रहा था कि गांव के ही श्यामलाल की बिटिया को बिच्छू ने डंक मार दिया है. उसके उपचार के लिए बिटिया को लेकर अस्पताल जाना है. बातचीत कर ही रहा था कि पुरना गांव में रहने वाले रामविलास कोल और रामजी कोल पूर्व की रंजिश में उसे गाली देने लगे. जब उसने विरोध किया तो उसके बड़े भाई प्रभु को दोनों मिलकर लाठी-डंडे से मारने लगे.
Sonbhadra Court News: 16 साल पहले युवक की हत्या करने के मामले में दो सगे भाइयों को उम्रकैद की सजा - Two brothers sentenced to life imprisonment
सोनभद्र अपर सत्र न्यायाधीश ने हत्या के दोषी सगे भाइयों को 16 साल बाद उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसी के साथ दोनों पर अठारह-अट्ठारह हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
शोर मचाने पर दोनों भाई मौके से भागने लगे. तभी सामने से उसके पिता मदन गौड़ को भी दोनों ने लाठी-डंडों से पीट दिया. जिसमें गंभीर चोट लगने की वजह से पिताजी जमीन पर गिर गए. उन्हें तत्काल लेकर घोरावल के सीएचसी में गए. जहां से उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया गया. वाराणसी ले आते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई. इस संबंध में घोरावल कोतवाली में दोनों भाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके विवेचना की गई.
पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में प्रस्तुत की चार्जशीट:इस मामले में विवेचक ने जांच पड़ताल के बाद दोनों सगे भाइयों रामविलास कोल और रामजी कोल को दोषी पाया. मामले में विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट प्रस्तुत की, जिसके आधार पर न्यायालय ने दोनों सभी भाइयों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके आलावा दोनों पर 18-18 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. न्यायालय ने आदेश दिया है कि अर्थदंड न देने पर छह-छह माह की अतिरिक्त कैद की सजा भी भुगतनी होगी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की.
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