सोनभद्रः लगातार बढ़ रही कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए जिले में शासन के निर्देश पर एक 200 बेड के स्पेशल कोविड अस्पताल का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए शासन से हरी झंडी मिल गयी है. इस अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट में वेंटिलेटर समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. सभी प्रकार की जांचें भी इस अस्पताल में उपलब्ध होंगी.
सोनभद्र में बनेगा स्पेशल कोरोना अस्पताल, शासन से मिली हरी झंडी
सोनभद्र जिले में अब कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए 200 बेड का स्पेशल कोरोना अस्पताल खुलेगा. इसके लिए शासन की तरफ से हरी झंडी मिल गई है. सीएमओ का कहना है कि इस अस्पताल के बन जाने के बाद जिले के कोरोना मरीजों को बाहर रेफर नहीं करना पड़ेगा.
वर्तमान में जिला अस्पताल परिसर में 200 बेड का एल-1 अस्पताल और 45 बेड का एल-2 अस्पताल संचालित है. इसके अलावा कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों को राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, जिला जेल और निजी अस्पतालों में रखा जाता है. गंभीर मरीजों को एल-1 अस्पताल से एल-2 अस्पताल भेजा जाता है, जहां उन्हें वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन एल-2 अस्पताल में मात्र 45 बेड होने के कारण बाकी मरीजों को मिर्जापुर या वाराणसी के बीएचयू रेफर करना पड़ता है. स्पेशल कोविड अस्पताल बन जाने के बाद मरीजों को जिले से बाहर रेफर नहीं करना पड़ेगा.
सीएमओ शशिकांत उपाध्याय ने बताया कि कोरोना के स्पेशल अस्पताल के लिए शासन से हरी झंडी मिल चुकी है. यह "स्पेशल कोविड अस्पताल" 200 बेड का होगा और यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. इस अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट में वेंटिलेटर समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. सभी प्रकार की जांचें भी इस अस्पताल में उपलब्ध होंगी. 200 बेड के इस अस्पताल की स्थापना जिला अस्पताल में स्थित मातृ और शिशु अस्पताल में की जाएगी. इस अस्पताल के बन जाने के बाद कोरोना के लेवल-2 अस्पताल से मरीजों को रेफर होकर वाराणसी और मिर्जापुर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
सोनभद्र जिले में कोरोना के रोजाना मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. मरीजों की यह संख्या 1246 पहुंच चुकी है. हालांकि 1000 से अधिक मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं और 171 मरीज अब भी एक्टिव हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब शासन-प्रशासन अस्पतालों की संख्या और सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दे रहा है, जिससे कोरोना वायरस के इलाज के लिए मरीजों को जिले से बाहर न जाना पड़े.