सोनभद्रःपूर्व क्षेत्र में स्थित एनटीपीसी रिहंद (NTPC Rihand) परियोजना के कार्यकारी निदेशक बाला जी आयंगर ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी की रिहंद परियोजना तीन विषयों पर जोर देती है. पहली कर्मचारियों की सुरक्षा, दूसरी पर्यावरण का संरक्षण और तीसरा गुणवत्तापूर्ण उत्पादन. कार्यकारी निदेशक ने बताया कि उत्पादन के दौरान इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि पर्यावरण संरक्षण को क्षति न पहुंचे. इसी को ध्यान में रखकर एनटीपीसी बिजली का उत्पादन कर रहा है. एनटीपीसी रिहंद आज की तारीख में 3000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. वित्तीय वर्ष 2019 के दौरान एनटीपीसी समूह ने देश की स्थापित क्षमता में बिजली का 22% योगदान किया है.
विषैली गैस के लिए बनाया जा रहा है संयंत्र
एनटीपीसी रिहंद के कार्यकारी निदेशक बाला जी आयंगर ने बताया कि एनटीपीसी रिहंद में जितना भी बिजली उत्पादन हो रहा है. पर्यावरण संरक्षण की मांगों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. हम चिमनी से निकलने वाली गैसों जैसे नाइट्रोजन और सल्फर डाईऑक्साइड की विषैली गैसों को नियंत्रण करने के लिए विशेष संयंत्र लगाने जा रहे हैं. ताकि चिमनी से निकलने वाली गैसों का दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर ना पड़े.