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ऑक्सीजन उत्पादन में पहला जिला बना सोनभद्र, प्रभारी मंत्री ने दी बधाई - ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत

प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री और सोनभद्र के प्रभारी मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने वर्चुअल समीक्षा बैठक के बाद की घोषणा करते हुए बताया कि ऑक्सीजन उत्पादन में सोनभद्र आत्मनिर्भर बन गया है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है, जहां से प्रतिदिन 300 से 350 सिलेंडर भरे जा रहे हैं.

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प्रभारी मंत्री ने की बैठक.

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Published : May 9, 2021, 1:21 PM IST

सोनभद्र: प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री और प्रभारी मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने शनिवार को वर्चुअल समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन के मामले प्रदेश का पहला जिला सोनभद्र बना है. इसके लिए उन्होंने खुशी जाहिर की है.

300 से अधिक सिलेंडर भरने में समर्थ

प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने जिले के अनपरा क्षेत्र में प्रतिदिन 300 सिलेंडर से भी अधिक की क्षमता वाले और जिला अस्पताल में ऑक्सीजन का प्लांट शुरू हो जाने पर खुशी जाहिर की है. इसके लिए उन्होंने जनपद के सभी जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों और तकनीकी कर्मियों को बधाई दी है. आपको बता दें कि अनपरा क्षेत्र में और जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की गई है.

अन्य जिलों में ऑक्सीजन देने में सक्षम

प्रभारी मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि अब सोनभद्र के अनपरा क्षेत्र में ऑक्सीजन प्लांट का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है. जहां से प्रतिदिन 300 से 350 सिलेंडर भरे जा रहे हैं, जिससे जनपद के कोविड अस्पताल, सरकारी अस्पतालों के साथ ही सभी निजी अस्पतालों को भी ऑक्सीजन की पूरी आपूर्ति हो रही है. इतना ही नहीं, सोनभद्र जिला आवश्यकता पड़ने पर अपने पड़ोसी जनपदों को भी ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में सक्षम हो गया है. इसके अतिरिक्त जिला चिकित्सालय में 38 बेड को ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था अलग से कर दी गई है. इसके लिए जिला अस्पताल में एक प्लांट की स्थापना की गई है. इस तरह से सोनभद्र जिला ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है.

सोनभद्र जिले में किए गए हैं पर्याप्त प्रबंध

डॉ. द्विवेदी ने बताया कि सोनभद्र के निजी अस्पतालों के लिए एक-एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है, ताकि मरीजों को भर्ती होने और इलाज होने में असुविधा न हो. जिले में आशा बहुओं और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की 1500 से अधिक टीमें डोर-टू-डोर कैंपेन चला कर कोविड के लक्षणों वाले लोगों की जांच कर रही है और जागरूक कर रही हैं. जिले में लगभग 2300 कोविड पॉजिटिव मरीज आइसोलेशन में है, जिनको मेडिकल किट भेजकर नियमित निगरानी की जा रही है. जिले के दूरदराज क्षेत्र के मरीजों के लिए रेनुकूट स्थित ESI के 100 बेड के अस्पताल को कोविड का L2 हॉस्पिटल बनाने की कार्रवाई चल रही है. जिले में कोविड टेस्ट के स्थाई केंद्रों के अलावा 16 मोबाइल टीमें भी कार्य कर रही हैं.

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