सोनभद्र:निजी अस्पतालों की मनमानी के खिलाफ प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अचानक हरकत में आए जिला प्रशासन ने गुरुवार को सदर उपजिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी की संयुक्त टीम ने रॉबर्ट्सगंज नगर में निजी अस्पतालों पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी. छापेमारी के दौरान जहां एक हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया गया वहीं, एक अन्य अस्पताल में अनियमितता पाए जाने पर उसे सील कर दिया गया. जिला प्रशासन की निजी अस्पतालों पर छापेमारी से अवैध रूप से हॉस्पिटल संचालित करने वालों में हड़कंप मच गया.
रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र (Robertsganj Kotwali Area) में सदर उपजिलाधिकारी रमेश कुमार यादव और स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. रामकुंवर की छापेमारी से हड़कंप मच गया. सदर एसडीएम और नोडल की संयुक्त टीम गुरुवार को सर्वप्रथम वाराणसी पॉली क्लीनिक पहुंची. टीम ने हॉस्पिटल के मानकों की जांच के बाद कुछ कमियों को देखते हुए हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया.
इसके बाद टीम स्वेता हॉस्पिटल पहुंची. जहां बगैर डॉक्टर के हॉस्पिटल संचालित होता हुआ मिला. उस वक्त अस्पताल में एक गर्भवती महिला सहित तीन मरीज भर्ती थे. गर्भवती महिला ने हॉस्पिटल प्रशासन पर खून चढ़ाने के नाम पर धन उगाही करने का आरोप लगाया और कहा कि एक यूनिट खून का 6 हजार रुपए लिया गया है. उक्त आरोपों को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम ने हॉस्पिटल को सीज करते हुए तीन दिनों में स्पष्टीकरण तलब किया है.
वहीं, सदर उपजिलाधिकारी रमेश कुमार ने बताया कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में गुरुवार से निजी हॉस्पिटलों पर औचक छापेमारी अभियान शुरू किया गया है. छापेमारी के दौरान हॉस्पिटल के मानकों, हॉस्पिटल भवन के नक्शे, फायर एनओसी, डाक्टरों की उपस्थिति आदि की जांच की जाएगी. लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.