सोनभद्र : भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राबर्ट्सगंज लोकसभा सुरक्षित सीट के तीन विधानसभा क्षेत्र चकिया 383 अनुसूचित जाति, राबर्ट्सगंज 401 सामान्य और दुद्धी विधानसभा 403 अनुसूचित जन जाति में 19 मई को होने वाले मतदान का समय परिवर्तित कर दिया गया है.
राबर्ट्सगंज लोकसभा मतदान समयावधि में बदलाव, 7 से 4 बजे शाम तक होगा मतदान यह हैं बदलाव:
अब इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदान सुबह 7 बजे से प्रारम्भ होकर शाम 4 बजे तक समाप्त हो जाएगा. पूर्व में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी निर्देश में राबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र के तीनों विधानसभा क्षेत्र में मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक बताया गया था. इस बदलाव के कारण के बारे में जिला प्रशासन ने बताया कि जनपद सोनभद्र नक्सल प्रभावित के साथ-साथ जंगल और पहाड़ों से आक्षादित जिला है, जिसके कारण एक घण्टे पहले ही मतदान समाप्त कर दिया जाएगा, ताकि समय से सुरिक्षत मतदान मशीन ईवीएम व मतदान कर्मी पहुंच सके.
नक्सल प्रभावित क्षेत्र को ध्यान में रखकर लिया फैसला
जनपद सोनभद्र चार प्रदेशों की सीमाओं मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड व बिहार से सटा हुआ है और यहां पूर्व में नक्सल गतिविधियां बहुत तेज थी. जिसको लेकर राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट के तीन विधानसभाओं का मतदान का समय परिवर्तित कर दिया गया है.
इन विधानसभा क्षेत्रों पर पैनी नजर
राबर्ट्सगंज लोकसभा सुरक्षित सीट में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिसमें घोरावाल विधानसभा 400, रॉबर्ट्सगंज विधानसभा 401, ओबरा विधानसभा 402, दुद्धी विधानसभा 403 और चंदौली जिले का एक विधानसभा क्षेत्र चकिया 383 आते हैं. जिसमें से जनपद सोनभद्र के दो विधानसभा क्षेत्र राबर्टसगंज 401 सामान्य और दुद्धी विधानसभा 403 अनुसूचित जनजाति और चंदौली जनपद के एक विधानसभा क्षेत्र चकिया 383 अनुसूचित जाति में 19 मई को होने वाले मतदान का समय परिवर्तित कर दिया गया.
अधिकतम मतदान करने को किया अपील
इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लोकसभा चुनाव 7 वें अंतिम चरण में 19 मई जनपद सोनभद्र में चुनाव होना है. वहीं अपील करते हुए बताया कि इस समयावधि में अधिक से अधिक लोग पोलिंग सेंटरों पर जाकर मतदान करें.
भौगोलिक दशा के मद्देनजर लिया फैसला
इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा है यहां की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि यहां के पोलिंग सेंटर दूर-दूर है. यहां के रास्ते मैदानी क्षेत्रों से अलग हैं. जिसको देखते हुए इस तरह की व्यवस्था की गई है. वहीं नक्सल क्षेत्र होने के कारण पर बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है पोलिंग सेंटर से ईवीएम मशीन पहुंचने की अवधि को देखकर आयोग ने निर्णय लिया गया है.