सोनभद्र: उत्तर प्रदेश और झारखंड को विभाजित करने वाली सतत वाहिनी नदी के अस्तित्व बचाने को लिए स्थानीय नौजवानों ने कमर कस ली है. प्रतिदिन 9:00 बजे से 11:00 बजे तक सन क्लब सोसायटी के युवकों की टीम नदी की सफाई का कार्य कर रही हैं, इसके तहत लगभग 300 मीटर नदी की सफाई हो चुकी है. युवकों का दावा है कि महीने भर के अंदर 1 किलोमीटर से अधिक नदी की सफाई कर ली जाएगी.
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नदी में जमी घास और लड़ई
विण्ढमगज नगर सततवाहिनी नदी के किनारे बसा हुआ है. नदी में अवैध खनन और प्रदूषण के कारण आज यह नदी अपने पहचान ही खोती जा रही है. नदी में बालू ना होने के की वजह से पूरे नदी में घास, लड़ई (एक तरह का लम्बा घास ) जमा हुआ है. वहीं नगर का कचरा और नाली का पानी नदी के अस्तित्व को समाप्त कर रहा है.