सोनभद्र: प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के आत्मनिर्भर मंत्र ने देश के करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचाया है. इन्हीं में से एक हैं उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के युवा किसान अमित यादव, जिन्होंने पीएम मोदी के आत्मनिर्भर मंत्र को अपनाया और आज लाखों का लाभ कमा रहे हैं. साथ ही आत्मनिर्भर भी हो गए हैं. दरअसल, युवा किसान मत्स्य पालन से लाखों का मुनाफा अर्जित कर रहे हैं. पारंपरिक खेती से इतर मत्स्य पालन के जरिए रॉबर्ट्सगंज ब्लाक के लखनवार गांव निवासी अमित यादव न सिर्फ आत्मनिर्भर बने हैं, बल्कि क्षेत्र में उन्होंने युवाओं के लिए एक उदाहरण भी प्रस्तुत किया है.
शुरुआत में मत्स्य विभाग ने नीली क्रांति योजना के तहत उन्हें मछली के बीज पालन के लिए सहायता दी थी. बाद में वह मछली के बीज को छोड़कर पूरी तरह से मछली पालन का व्यवसाय करने लगे. इस व्यवसाय से प्रत्येक वर्ष किसान अमित यादव को 4 से 5 लाख रुपए की आय हो रही है. रॉबर्ट्सगंज ब्लॉक के लखनवार गांव के निवासी अमित यादव मछली पालन करके न सिर्फ आत्मनिर्भर बने हैं, बल्कि लाखों का मुनाफा भी कमा रहे हैं.
अमित यादव ने बताया कि उन्होंने मत्स्य विभाग की नीली क्रांति योजना के तहत वर्ष 2017-18 से मछली के बीज का पालन शुरू किया था. इसके लिए मत्स्य विभाग द्वारा उन्हें तालाब खोदने के लिए 60% का अनुदान दिया गया था और 40% की लागत उन्होंने खुद लगाई थी. शुरुआत में वह मछली के बीज तैयार करते थे. करीब दो साल बाद वह कोलकाता से फंगास/प्यासी मछली का बीज बनाकर मछली पालन करने लगे.
इसके लिए मत्स्य विभाग से उन्हें समय-समय पर तकनीकी सहायता दी गई. मछली पालन करने वाले किसान अमित यादव का कहना है कि इस कार्य में तालाब बनाने के बाद लगभग दो से ढाई लाख की लागत लगाने पर 8 महीने बाद उन्हें लगभग 4 लाख रुपये की बचत हो जाती है. युवा किसान अमित यादव का कहना है, गांव के बेरोजगार युवा मछली पालन के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर सकते हैं. उन्हें गांव से बाहर जाकर नौकरी करने की आवश्यकता नहीं है.
मछली पालन से लाखों की आय प्राप्त कर रहे अमित यादव ने बताया कि उन्होंने गांव के ही एक अन्य व्यक्ति से जानकारी लेकर मत्स्य पालन शुरू किया था. वर्तमान में उनके पास ढाई बीघा जमीन में चार तालाब हैं. प्रत्येक वर्ष एक लाख 20 हजार मूल्य की प्यासी मछली का बीज कोलकाता से मंगवाते हैं और एक लाख रुपये मजदूरी पर खर्च हो जाते हैं. इसके अलावा 80 हजार रुपए के अन्य खर्चे भी होते हैं. इस तरह लगभग तीन लाख की लागत आती है.