सोनभद्र: जनपद के नगर विकासखंड के अंतर्गत नगर विकासखंड से वर्ष 2016 के बाद से कोई भी कार्य नहीं कराया गया, जिससे क्षेत्र का विकास रुक सा गया है. जबकि राज्य वित्त निधि का करोड़ों रुपये खाते में पड़ा हुआ है. क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत होने वाले विकास कार्य ना होने से क्षेत्र की जनता में काफी असंतोष है. इसके विषय में प्रभारी खंड विकास अधिकारी का कहना है कि हमको फरवरी में चार्ज मिला वहीं 17वीं लोकसभा का आचार संहिता लागू हो गया था जिससे विकास कार्य नहीं हो सका.
सोनभद्र: पैसा होने के बाद भी राज्य वित्त निधि से विकासखंड में नहीं हुआ कोई काम
जिले में राज्य वित्त निधि का करोड़ों रुपये खाते में पड़े हुए हैं. आरटीआई के माध्यम से जानकारी करने पर चौकाने वाले तथ्य समाने आए हैं. जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2016 के बाद से क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत होने वाले विकास कार्य ना होने से क्षेत्र की जनता में काफी असंतोष है.
विकास कार्य के लिए आया पैसा नही हुआ खर्च:
- 2016 से विकासखंड के विकास कार्य के लिए आए हुए पैसे का खर्च न होना कहीं ना कहीं अधिकारियों की विकास के प्रति लापरवाही दिखा रहा है.
- 2016 से जो पैसा आया है. लेकिन खाते में डंप पड़ा हुआ है.
- आरटीआई एक्टिविस्ट चौधरी यशवंत सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी
मैंने जब वहां के विकास कार्यों के संबंधित सूचना मांगी कि विकास कार्यों के लिए आए पैसे का आपने कितना उपयोग किया तो खंड विकास अधिकारी ने चिट्ठी लिखकर हमको तो पहले अपने ऑफिस पर बुलाया. मैं नहीं गया और उनको कई रिमाइंडर डाले. 4 महीने बाद सूचना दी और बताया कि 2016 से जो पैसा आया है डंप पड़ा हुआ है यह पैसा उपयोग नहीं हुआ.
चौधरी यशवंत सिंह, आरटीआई एक्टिविस्ट
फरवरी 2019 में हमको चार्ज मिला और वित्तीय वर्ष 2018 19 का टेंडर निकाला जा चुका था. उसी दौरान आचार संहिता लग गई जिसकी वजह से काम नहीं कराया जा सका .इसके पहले अन्य कारणों से कार्य रूका हुआ था. 19 - 20 की कार्रवाई हो चुकी है. क्षेत्र पंचायत की बैठक भी हो चुकी है. कार्य योजना बन के तैयार है टेंडर के लिए निविदा प्रकाशित करवाई जा रही है.
डॉ. प्रभात कुमार द्विवेदी, प्रभारी खंड विकास अधिकारी