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बदल रहा सोनभद्र के उस गांव का हाल, जहां आज ही के दिन चली थीं ताबड़तोड़ गोलियां - Cm yogi adityanath on umbha case

यूपी में सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में 17 जुलाई 2019 को जमीन विवाद के चलते जमकर गोलीबारी हुई थी. इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 27 लोग घायल हो गए थे. हालांकि एक साल बाद अब गांव में हालात बदलते दिख रहे हैं.

umbha village story
डिजाइन फोटो.

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Published : Jul 17, 2020, 9:05 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:14 PM IST

सोनभद्र: पिछले साल आज ही के दिन घोरावल तहसील के मूर्तियां ग्राम पंचायत के उम्भा गांव में जमीनी विवाद के चलते 11 आदिवासी मारे गए थे, जबकि 27 लोग घायल हुए थे. 1 साल बीत जाने के बाद गांव की स्थिति सामान्य है. गांव के लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में लग गए हैं. इस घटना के बाद सोनभद्र पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ था.

दरअसल इस विवाद की शुरुआत सोसाइटी की जमीन बेचने के बाद हुई. सोसाइटी की 91 बीघा जमीन स्थानीय प्रधान रहे यज्ञदत्त के घर वालों सहित 11 लोगों के नाम रजिस्ट्री की गई थी, जिसके बाद काफी दिनों तक जमीन का दाखिल खारिज नहीं हुआ. इसको लेकर जिलाधिकारी सोनभद्र के पास काफी दिनों तक फाइल पड़ी रही. हालांकि घटना के कुछ दिन पूर्व जमीन दाखिल खारिज हो गई, जिसके कुछ दिन बाद पूर्व प्रधान यज्ञदत्त के परिवार वाले और उनके समर्थक भारी संख्या में ट्रैक्टर और कई असलहों के साथ खेत में पहुंचे और जुताई करने लगे. इस दौरान उम्भा गांव के आदिवासी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया. इस दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई और पूर्व प्रधान यज्ञदत्त की तरफ से गोलियां चली, जिसमें 11 लोगों की मौत के साथ ही 27 लोग घायल हो गए थे.

स्पेशल रिपोर्ट.

घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवार को 18.5 लाख रुपये, घायलों को 2.5 लाख देने की बात कही. इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को 10 बीघा और घायलों को 5 बीघा जमीन देने की बात कही थी.

घटना के बाद गांव में हुआ विकास
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. इसके पहले जहां गांव में ज्यादातर कच्चे मकान दिखाई देते थे आज पक्के आवास व मकान दिखाई दे रहे हैं. उम्भा कांड के बाद अब भी लगातार गांव में पीएसी बल तैनात है, ताकि गांव में किसी भी प्रकार का विवाद न होने पाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांव में पुलिस चौकी खोलने की बात कही थी, जो कि स्थापित कर दी गई गई है. संचालित समितियों के नाम भूमि का सर्वे कराया गया. इसमें कुल 1,156 बीघा जमीन को ग्राम समाज के नाम दर्ज किया गया. वहीं 861 बीघा जमीन 281 लोगों को पट्टा दी गई है. भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद न हो उसके मद्देनजर जमीन के सीमांकन का काम अभी भी चल रहा है. सीमांकन करके पत्थरगड़ी कराई जा रही है.

लोगों को मिला सरकारी योजनाओं का लाभ
उंभा गांव में हुए नरसंहार के बाद सरकार की तरफ से मिलने वाली ज्यादातर सुविधा लोगों को मुहैया कराई गई हैं, जिसमें उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय और जरूरतमंदों को राशन कार्ड दिए गए हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 292 आवास उपलब्ध कराए गए हैं.

उंभा पहुंचे हर पार्टी के नेता
हालांकि, गोलीकांड के बाद से सोनभद्र चर्चा में बना रहा. घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी सहित सभी पार्टियों के नेता व जनप्रतिनिधि पहुंचे थे. सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराई गई. अलग-अलग पार्टियों ने भी सहायता राशि उपलब्ध कराई है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने उम्भा गांव में शहीद स्थल बनाए जाने की भी मांग की.

पुलिस ने मामले में की कार्रवाई
इस घटना के बाद पुलिस ने 73 लोगों के ऊपर अभियोग पंजीकृत किया था, जिसमें 28 नामजद और 55 अज्ञात शामिल थे. जांच के दौरान 11 लोग संलिप्तता नहीं पाए गए. अभी भी 61 लोग जेल की सलाखों के पीछे हैं. इनकी तरफ से हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की गई, लेकिन हाईकोर्ट ने इनकी जमानत देने से इनकार कर दिया है.

आरोपी पक्ष ने हाईकोर्ट में फाइल किया प्रोटेस्ट
इस मामले में मुख्य आरोपी यज्ञदत्त की भाई की पत्नी निधिदत्त ने भी सैकड़ों आदिवासियों पर 156/3 के तहत घोरावल कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. हालांकि पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी है. वहीं आरोपी पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में प्रोटेस्ट फाइल किया गया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:14 PM IST

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