सोनभद्र: पिछले साल आज ही के दिन घोरावल तहसील के मूर्तियां ग्राम पंचायत के उम्भा गांव में जमीनी विवाद के चलते 11 आदिवासी मारे गए थे, जबकि 27 लोग घायल हुए थे. 1 साल बीत जाने के बाद गांव की स्थिति सामान्य है. गांव के लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में लग गए हैं. इस घटना के बाद सोनभद्र पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ था.
दरअसल इस विवाद की शुरुआत सोसाइटी की जमीन बेचने के बाद हुई. सोसाइटी की 91 बीघा जमीन स्थानीय प्रधान रहे यज्ञदत्त के घर वालों सहित 11 लोगों के नाम रजिस्ट्री की गई थी, जिसके बाद काफी दिनों तक जमीन का दाखिल खारिज नहीं हुआ. इसको लेकर जिलाधिकारी सोनभद्र के पास काफी दिनों तक फाइल पड़ी रही. हालांकि घटना के कुछ दिन पूर्व जमीन दाखिल खारिज हो गई, जिसके कुछ दिन बाद पूर्व प्रधान यज्ञदत्त के परिवार वाले और उनके समर्थक भारी संख्या में ट्रैक्टर और कई असलहों के साथ खेत में पहुंचे और जुताई करने लगे. इस दौरान उम्भा गांव के आदिवासी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया. इस दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई और पूर्व प्रधान यज्ञदत्त की तरफ से गोलियां चली, जिसमें 11 लोगों की मौत के साथ ही 27 लोग घायल हो गए थे.
घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवार को 18.5 लाख रुपये, घायलों को 2.5 लाख देने की बात कही. इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को 10 बीघा और घायलों को 5 बीघा जमीन देने की बात कही थी.
घटना के बाद गांव में हुआ विकास
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. इसके पहले जहां गांव में ज्यादातर कच्चे मकान दिखाई देते थे आज पक्के आवास व मकान दिखाई दे रहे हैं. उम्भा कांड के बाद अब भी लगातार गांव में पीएसी बल तैनात है, ताकि गांव में किसी भी प्रकार का विवाद न होने पाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांव में पुलिस चौकी खोलने की बात कही थी, जो कि स्थापित कर दी गई गई है. संचालित समितियों के नाम भूमि का सर्वे कराया गया. इसमें कुल 1,156 बीघा जमीन को ग्राम समाज के नाम दर्ज किया गया. वहीं 861 बीघा जमीन 281 लोगों को पट्टा दी गई है. भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद न हो उसके मद्देनजर जमीन के सीमांकन का काम अभी भी चल रहा है. सीमांकन करके पत्थरगड़ी कराई जा रही है.