सोनभद्र: जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुक्खा फॉल एक मनोरम दृश्य सजोए हुए है. बेलन नदी पर स्थित यह जलप्रपात पहाड़ों के बीच में स्थित प्राकृतिक नजारों की सुंदरता को देखा जा सकता है. यह फॉल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है. यहां पर छुट्टियों के दिनों में भारी संख्या में पर्यटक इसका आनंद लेने आते हैं, लेकिन प्रशासन और पर्यटन विभाग की लापरवाही की वजह से सुविधाओं का टोटा है. इस वजह से पर्यटकों की संख्या भी कम हो रही है.
उपेक्षाओं का शिकार मुक्खा फॉल. बरसात के मौसम में तो यहां का दृश्य देखकर लोग प्रफुल्लित होते हैं. तेज आवाज में ऊपर की ओर से गिरता पानी बिल्कुल बर्फ जैसा दिखाई देता है. ऐसा लगता है कि जैसे बर्फ ही बर्फ हो. पानी गिरने की आवाज काफी दूर से सुनी जा सकती है. दूर-दूर तक पहाड़ और इन पहाड़ियों के बीच में झरने का यह प्राकृतिक नाजारा मनोरम दृश्य प्रतीत होता है.
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यहां पर खाली समय में लोग भारी संख्या में छुट्टियां मनाने आते हैं. यहां लोग घंटों इस मनोरम दृश्य प्रकृति की गोद में स्थित मुक्खा फॉल के पास समय बिताते हैं. यह झरना जिले के प्रमुख झरनों में से एक है. अगर प्रशासन की तरफ से यहां पर मूलभूत सुविधाएं दे दी जाएं तो राजस्व की बढ़ोतरी तो होगी ही साथ में जनपद का भी नाम होगा. दरअसल यहां पर पहुंचने के लिए कच्ची रोड से होकर गुजरना पड़ता है, जो बरसात के दिनों में एक बड़ी समस्या है.
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यहा पर घूमने आए जितेंद्र का कहना है कि यह मुक्खा फॉल पूर्वांचल में काफी ज्यादा विख्यात है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां पर पर्यटकों की संख्या कम होती जा रही है. यहां की स्थिति बहुत ही दयनीय है. पर्यटक अभिषेक का कहना है कि यहां पर पर्यटक पिकनिक के लिए आते हैं. यहां इंजॉय करते हैं. इन सबके बावजूद प्रशासन द्वारा कोई भी सुविधा नहीं दी गई है. अगर सुविधा बढ़ा दी जाए तो यहां पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.