सोनभद्रः गोवर्धन पूजा के अवसर पर जिले में एक अनोखी परंपरा का आयोजन किया जाता है. इस पूजा के अवसर पर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी की पर स्थित मारकुंडी घाटी के वीर लोरिक स्मारक स्थल पर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया. जहां बृहद रूप से मनाई जाने वाली इस पूजा में कई मटकों में दूध भरा होता है और उसको आग की काठी पर रख दिया जाता है. एक पुजारी पूजा में न सिर्फ शामिल होता है. बल्कि खौलते दूध से स्नान भी करता है. इसके अलावा हवन कुंड में अपने सिर और शरीर को झोंक देता है और पुजारी को कोई नुकसान नहीं होता है.
पुजारी ने चमत्कार को बताया- भक्ति की शक्ति
वीर लोरिक स्मारक स्थल पर 45 वर्षीय राजेंद्र यादव पिछले चार-पांच सालों से गोवर्धन पूजा कराते आ रहे हैं. इन बाबा की खासियत है कि वह गोवर्धन पूजा वाले दिन खौलते दूध में स्नान करते हैं. मीडिया से बातचीत में पुजारी ने बताया कि गर्म दूध से स्नान करने पर उनके शरीर पर कोई असर नहीं होता है. क्योंकि जहां शक्ति है, वहां भक्ति होती है और जहां भक्ति वहीं शक्ति.
जुड़ी है रोचक कहानी
वीर लोरिक स्मारक को ऐतिहासिक स्थल के तौर पर देखा जाता है. मान्यताओं के मुताबिक अगोरी के राजा मुलागत, वहीं की रहने वाली मंजरी को अपनी पटरानी बनाना चाहते थे, लेकिन मंजरी वीर लोरिक से प्रेम करती थीं. मंजरी से विवाह करने के लिए वीर लोरिक ने अगोरी किले पर चढ़ाई कर राजा मुलागत को परास्त किया.