सोनभद्रःजिले में नगरपालिका और नगर पंचायत क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करने वाली प्रकृति पर्यावरण संरक्षण संस्थान का फर्जीवाड़ा सामने आया है. लखनऊ की इस संस्था ने नगरपालिका के साथ मिलकर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करना शुरू किया था. संस्था ने इसके लिए स्थानीय लोगों की भर्ती की थी. आरोप है कि अब ये संस्था उनके लाखों रुपये ऐंठ कर भाग गई है.
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली संस्था लाखों रुपये लेकर भागी. 35 लाख रुपये ऐंठने का आरोप
संस्था ने अपने यहां नियुक्त सुपरवाइजर और सफाई कर्मियों का वेतन भी नहीं दिया है. आरोप है कि संस्था के जिला समन्वयक पंकज कुमार सिंह से भी संस्था प्रमुख अरुण रावत ने पूरे कार्य की जिम्मेदारी सौंपने का झांसा देकर लगभग 35 लाख रुपये ऐंठ लिए है. संस्था प्रमुख के कहने पर रुपये कई खातों में ट्रांसफर किए गए थे. बता दें कि जिला समन्वयक पंकज कुमार सिंह अक्टूबर माह 2020 से ही अपने घर से गायब हैं. उनके संबंधी अब न्याय के लिए पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं. उन्होंने रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में एक मुकदमा भी दर्ज कराया है.
एफआईआर के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
संस्था में कार्यरत जिला समन्वयक के संबंधियों ने आरोप लगाया कि संस्था का प्रमुख अरुण रावत सोनभद्र नगर पालिका और नगर पंचायत में कार्यरत अपनी संस्था के कर्मचारियों को टेंडर दिलाने का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये ऐंठ चुका है. टेंडर नहीं मिलने पर जब उससे पैसे वापस मांगे गए तो वह बहाने बनाकर उन्हें टालता रहा. अब उसने फोन भी उठाना बंद कर दिया है. पीड़ित परिजनों का कहना है कि इस संबंध में राबर्ट्सगंज कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. लेकिन, पुलिस संस्था प्रमुख के प्रभाव में आकर कोई कार्रवाई नहीं कर रही.
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नगर पालिका ने संस्था के साथ अनुबंध रद्द कियारॉबर्ट्सगंज नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी प्रदीप गिरी ने बताया कि नगर पालिका ने इस संस्था के साथ अनुबंध किया गया था. उसकी लचर कार्यशैली और प्रबंधन को देखते हुए एक माह बाद ही पालिका ने उसके साथ अनुबंध रद्द कर दिया था. स्थानीय लोग यदि धन उगाही की शिकायत करते हैं और उसकी लिखित जानकारी नगरपालिका को दी जाती है तो नगरपालिका की तरफ से भी आरोपी संस्था के खिलाफ एफआईआरदर्ज कराई जाएगी.