सोनभद्र: वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से 17 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. इस लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशान किसान हो रहे हैं. उनकी महीनों की मेहनत बेकार हो गई. फूलों की खेती करने वाले किसानों की हालत तो और भी खराब है. लगभग तीन महीने की कड़ी मेहनत के बाद तैयार हुई फसल का कोई खरीददार नहीं है. फूलों की खेती से ही परिवार चलाने वाले किसान के सामने तो रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. कोरोना बंदी में फसल तो तैयार हो गई, लेकिन इन फसलों को बाजार नहीं मिल सका.
बदहाली में किसान
जनपद के रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले कमला प्रसाद अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर फूलों की खेती करते हैं. जब फूलों की खेती तैयार हो जाती है तो इन फूलों को बाजार में माला बनाकर बेचते हैं. शादी-विवाह के समय में फूलों की अच्छी खासी बिक्री हुआ करती थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते ये परिवार बेरोजगार बना हुआ है. परिवार ने बताया कि गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी उनकी फसल नवरात्र के पहले ही तैयार हो चुकी थी, लेकिन देश में लॉकडाउन के चलते पूरी फसल खेत में ही रह गई.
लाखों का नुकसान
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन ने परिवार के विकास का चक्का ही रोक दिया. किसान ने बताया कि उनकी फसल तैयार हो गई थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते फसल खेत में ही रह गई और लाखों रुपये का नुकसान हुआ, जिसकी वजह सेपूरा परिवार परेशान है और सरकार की तरफ आस लगाए बैठे हैं कि कुछ मदद मिल जाए.