लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र हत्याकांड पर कड़े तेवर दिखाए हैं. उन्होंने सोनभद्र के डीएम और एसपी को तत्काल हटाने के साथ ही दोनों पर विभागीय जांच भी बिठा दी है. इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए 6 सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है. मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि दो पूर्व आईएएस अफसरों की पत्नियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है.
जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता. डीएम और एसपी पर गिरी गाज
- सोनभद्र कांड की जांच कर रही अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने अपनी रिपोर्ट शनिवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी.
- 24 घंटे के अंदर कड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने रविवार की शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सोनभद्र के डीएम अंकित अग्रवाल और एसपी सलमान ताज पाटील को हटा दिया गया है.
- इतना ही नहीं दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी कराई जाएगी.
- सोनभद्र का नया डीएम एस रामलिंगम को बनाया गया है, जबकि प्रभाकर चौधरी को एसपी की कुर्सी सौंपी गई है.
- घोरावल तहसील के मौजूदा एसडीएम, सीओ, सहायक परगना अधिकारी, एसओ, एसआई और सहायक निबंधक को भी निलंबित किया गया है.
- गलत ढंग से जमीन को अपने नाम कराने वाले दो पूर्व आईएएस अफसरों की पत्नियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है.
मुख्यमंत्री के फैसले
- 1955 के तत्कालीन तहसीलदार राबर्टसगंज के जिंदा होने पर उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
- 1989 के तत्कालीन परगना अधिकारी और तहसीलदार के खिलाफ भी जीवित होने पर एफआईआर होगी.
- सहायक अभिलेख अधिकारी सोनभद्र राजकुमार को निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.
- पुलिस क्षेत्राधिकारी घोरावल अभिषेक सिंह, इंस्पेक्टर अरविंद कुमार, सब इंस्पेक्टर लल्लन प्रसाद यादव, कांस्टेबल सत्यजीत यादव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.
- समाजवादी पार्टी के नेता और ग्राम प्रधान यज्ञदत्त से जमीन खाली कराने के लिए 1,42,000 रुपये जमा कराने वाले एडिशनल एसपी अरुण कुमार के खिलाफ भी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है.
- सहायक निबंधक सहकारी समितियां वाराणसी विजय कुमार अग्रवाल को निलंबित कर दिया गया है, उनके खिलाफ एफआईआर कराई जा रही है.
- ग्राम सभा की भूमि को फर्जी रूप से समिति के नाम दर्ज कराने पर आदर्श कृषि सहकारी समिति उमभा के प्राथमिक 12 सदस्यों के जीवित होने पर एफआईआर कराने के आदेश दिए गए हैं.
पूर्व आईएएस अफसरों की पत्नियों के खिलाफ भी होगा मुकदमा दर्ज
1989 में सोसायटी की भूमि अपने नाम कराने के लिए आईएएस प्रभात कुमार मिश्र की पत्नी आशा और आईएएस भानु प्रताप शर्मा की पत्नी विनीता शर्मा उर्फ किरण कुमारी के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं. सभी एफआईआर हजरतगंज कोतवाली लखनऊ में दर्ज होंगी. इस सोनभद्र नरसंहार मामले में दर्ज सभी एफआईआर की विवेचना एसआईटी करेगी. प्रमुख सचिव रेणुका कुमार की अध्यक्षता में 6 सदस्य जांच समिति का गठन किया जा रहा है, जो अगले 3 महीने में अपनी जांच रिपोर्ट देगी. कमेटी पिछले 70 सालों में मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों में सरकारी भूमि के अवैध कब्जे से जुड़े सभी मामलों की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी.