सोनभद्रः जनपद के उर्जान्चल क्षेत्र में एनजीटी के निर्देश के बावजूद प्रदूषण की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. वायु प्रदूषण के चलते लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. जनपद की वायु गुणवत्ता दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है. सोनभद्र के सीमावर्ती अनपरा और शक्तिनगर थाना क्षेत्र में वायु प्रदूषण के चलते लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.
सड़कों पर उड़ती रहती है धूल
बता दें कि अनपरा और शक्तिनगर थाना क्षेत्रों के सीमाएं मध्यप्रदेश राज्य से लगती हैं. यह पूरा क्षेत्र उर्जान्चल के नाम से जाना जाता है. क्षेत्र में नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड की कोयला खदान और कई थर्मल पावर प्लांट्स हैं. एनसीएल की खदानों से कोयला और थर्मल पावर प्लांट से कोयले की राख का परिवहन ट्रकों के द्वारा होता है, जिससे यहां की सड़कों पर बेतहाशा धूल उड़ती है. यह धूल लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल रही है.
एनजीटी के निर्देशों की उड़ाई जा रहीं धज्जियां
यही नहीं यहां के थर्मल पावर प्लांट्स की चिमनियों से निकलने वाला धुआं जनपद की आबोहवा खराब कर रहा है. शिकायत के बाद एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यहां की सड़कों पर ट्रकों के माध्यम से कोयले के परिवहन पर रोक भी लगाई थी. इसके बावजूद कोयले का परिवहन सड़क मार्ग से ही हो रहा है.
बीमारियों के शिकार हो रहे लोग
जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर अनपरा और शक्तिनगर क्षेत्र स्थित हैं. जहां कई सरकारी और निजी क्षेत्र के ताप बिजलीघर स्थित हैं. इन बिजलीघरों को एनसीएल की कोयला खदानों से कोयले की सप्लाई की जाती है.