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सोनभद्र में गैंगरेप पीड़िता को 5 साल बाद मिला न्याय, दो दोषियों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

सोनभद्र अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने गैंगरेप के 2 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई. साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया. दोषियों द्वारा अर्थदंड न देने पर उन्हें छह-छह माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी.

नभद्र अपर सत्र
सोनभद्र अपर सत्र

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Published : Apr 19, 2023, 9:09 PM IST

सोनभद्रः अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने वर्ष 2018 में 14 वर्ष की नाबालिग लड़की के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 2 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. बता दें कि यह सजा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र बिहार का चौहान की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करने के बाद सुनाई. कोर्ट ने यह भी कहा है जुर्माने की पूरी धनराशि 1 लाख रुपये पीड़िता को दी जाएगी.

गैंगरेप का था पूरा घटनाक्रम
अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट निहारिका चौहान की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करने के बाद दोषी पाकर गैंगरेप के दोषी राम अवतार और लट्ठु को उम्र कैद की सजा सुनाई. साथ ही जुर्माना भी लगाया. अभियोजन पक्ष के मुताबिक शक्ति नगर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने 15 मई 2018 को थाने पर पहुंचकर बताया कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी 14 मई 2018 को रात्रि लगभग 9 बजे शौच के लिए रेलवे लाइन की तरफ गयी थी. इसी दौरान वहां पर पहले से मौजूद रामअवतार पुत्र स्वर्गीय धर्मजीत निवासी ग्राम राजा परसवार ने उसके साथ दुष्कर्म किया.

इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की. विवेचना में लठ्ठू पुत्र राजेंद्र भाई का निवासी ग्राम राजा परसवार का नाम भी प्रकाश में आया. विवेचना अधिकारी ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में रामअवतार और लठ्ठू के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने और गवाहों के बयान और पत्रावली के आधार पर दोषसिद्ध पाकर गैंगरेप में दोनो को उम्र कैद की सजा सुनाई साथ ही 50- 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया.

पांच वर्ष बाद गैंगरेप की पीड़िता को मिला न्याय
बता दें इस मामले में 5 वर्ष बाद गैंगरेप की पीड़िता को न्याय मिलने से परिजनों ने खुशी जाहिर की है. परिजनों ने बताया कि घटना के वक्त पीड़िता नाबालिग थी और यह घटना उनके लिए असहनीय थी. न्यायालय के फैसले से उन्हें राहत मिली है. बता दें कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की.

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