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उम्भा कांड की विवेचना पर सवाल, कोर्ट ने दोबारा रिपोर्ट लगाने के दिए आदेश

उम्भा नरसंहार कांड में सोनभद्र पुलिस को झटका लगा है. कोर्ट ने क्रॉस FIR की दोबारा विवेचना करने और फाइनल रिपोर्ट लगाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पुलिस की रिपोर्ट को एक पक्षीय बताया है.

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Published : Apr 10, 2021, 4:52 PM IST

उम्भा कांड
उम्भा कांड

सोनभद्रः 17 जुलाई 2019 को घोरावल थाना क्षेत्र के उम्भा गांव में जमीनी विवाद में हुए नरसंहार के मामले में विवेचना गलत तरीके से करने पर कोर्ट ने फटकार लगाई है. क्रॉस एफआईआर की विवेचना फिर से करके फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश सोनभद्र पुलिस को कोर्ट ने दिए हैं.

दूसरे पक्ष के 90 लोगों पर दर्ज हुई थी FIR
उम्भा नरसंहार कांड के मुख्य आरोपी यज्ञदत्त की पत्नी ने दूसरे पक्ष पर पहले हमला करने का आरोप लगाते हुए क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई थी. दूसरे पक्ष के 90 लोगों पर कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई थी. पुलिस ने इसकी विवेचना ठीक प्रकार से न करके एक पक्षीय फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी, जिसे कोर्ट ने नकार दिया.

उम्भा नरसंहार में 11 की गई थी जान
जिले के घोरावल थाना क्षेत्र के उम्भा गांव में 17 जुलाई 2019 को सैकड़ों बीघा जमीन पर कब्जे को लेकर ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के बीच संघर्ष हो गया था. इस संघर्ष में ग्राम प्रधान पक्ष द्वारा गोली चलाए जाने से 11 ग्रामीणों की मौत हो गई थी. इस जघन्य घटनाक्रम के बाद शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया था. इसके बाद प्रदेश सरकार ने पीड़ित पक्ष को राहत देते हुए कई घोषणायें की थी, जिनमें लाखों रुपये नकद मुआवजे के साथ-साथ जमीन आवंटन समेत कई सुविधाएं दी गई थी. राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा बनाकर इस मामले को खूब उछाला भी था. इस मामले में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए असलहों के साथ आरोपी पक्ष के कई लोगों को गिरफ्तार किया था और ग्राम प्रधान देवदत्त को मुख्य आरोपी बनाया था.

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आदेश की प्रति मिलने पर होगी उचित कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने इस मामले में बताया कि अभी न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश की प्रति उन्हें प्राप्त नहीं हुई है. जैसे ही आदेश की प्रति प्राप्त होती है न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन किया जाएगा.

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