सोनभद्र: आदिवासियों को न्याय दिलाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही सरकार को उनका हितैषी बता रहे हो, लेकिन 10 वर्षों से एक मृतक आरक्षी का बेटा नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है. पुलिस अधीक्षक कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार तक का चक्कर लगा चुका है. इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं की गई. थक-हारकर अब युवक ने सरकार से अपने परिवार की नागरिकता खत्म करने की मांग की है.
क्या है पूरा मामला
- आरक्षी कौशल प्रसाद पाठक निवासी सेमरिया कला मिर्जापुर की तैनाती सोनभद्र पुलिस लाइन में थी.
- किडनी खराब होने के कारण 23 नवम्बर 2010 को आरक्षी की मृत्यु हो गई थी.
- उस समय कौशल प्रसाद पाठक के बच्चे छोटे थे.
- मृतक आश्रित के लिए 21 दिसंबर 2011 को पाठक की पत्नी ने अपने पुत्र के लिए आवेदन किया था.
- थोड़े दिनों बाद अवसाद में आकर कौशल पाठक की पत्नी की भी मृत्यु हो गई.
- अब पुत्र देवमणि पाठक वर्तमान मुख्यमंत्री योगी के कार्यालय के कई बार चक्कर लगा चुका है.
- 2017 में मुख्यमंत्री का कहना था कि 2 महीने में नौकरी मिल जाएगी, लेकिन नौकरी नहीं मिली.
- अब मृतक आरक्षी का बेटा न्याय की गुहार लगाते-लगाते थक चुका है.
- सरकार से परिवार की नागरिकता खत्म करने की मांग कर रहा है.