सोनभद्र: जिले में बुधवार को सैकड़ों की संख्या में सफाईकर्मियों ने विकास भवन में प्रदर्शन किया. सफाई कर्मचारी पंचायती राज विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार से परेशान हैं. सफाईकर्मियों का कहना है कि एक तरफ जहां प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है, वहीं दूसरी तरफ पंचायती राज विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. सफाईकर्मियों ने विभाग के कर्मचारियों पर दबाव बनाकर पैसे मांगने का आरोप लगाया है. साथ ही साथ ग्रामीण सफाईकर्मियों ने कोविड अस्पताल में ड्यूटी लगाने का भी विरोध किया है.
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नहीं हुआ समस्या का सामाधान
पंचायती राज विभाग के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में सफाईकर्मी विकास भवन पहुंचे और उन्होंने पंचायती राज विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. सफाईकर्मियों का आरोप था कि लेखाकार देवेंद्र पांडे पे स्लिप लेने के लिए पांच से 8 हजार रुपये मांगते हैं. साथ ही साथ सफाईकर्मियों को विभाग के अधिकारी आवास पर बुलाकर घरेलू कार्य करवाते हैं. कोरोना महामारी के इस दौर में उनकी ड्यूटी कोविड-19 अस्पताल में लगा दी गई है, जो कि शासनादेश के खिलाफ है. कर्मचारियों का कहना है कि इन सब समस्याओं को लेकर कई बार अधिकारियों से मिले लेकिन आज तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ.
दोबारा शिकायत आने पर होगी कार्रवाई
जिला पंचायती राज अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि सफाईकर्मियों की ड्यूटी कुछ दिनों के लिए कोविड अस्पताल में लगाई गई थी, जहां पर कुछ सफाईकर्मी पॉजिटिव हो गए थे. इसी को लेकर सफाई कर्मचारियों में आक्रोश है. इस बात का प्रयास किया जा रहा है कि उनकी ड्यूटी ग्राम पंचायतों में ही रहे. वहीं जब डीपीआरओ से विभाग के भ्रष्टाचार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की शिकायत मिली है. अगर दोबारा से शिकायत मिलती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और आरोपी बाबू का पटल भी बदल दिया जाएगा.