सोनभद्र: वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन में किसानों एवं व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है. सोनभद्र के चतरा और घोरावल विकासखंड में काफी संख्या में किसान पान की खेती करते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनका पान खेतों में ही खराब हो गया. अब उनके सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो रही है.
जिले में किसान केवल पान की खेती से ही अपना पूरा परिवार चलाते हैं. इसी पान की खेती में पान लगाने से लेकर उसकी देखभाल, पान की तुड़ाई और बाजार में ले जाकर बेचने का काम भी खुद ही करते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस वर्ष पान की बिल्कुल बिक्री नहीं हुई. इससे पान की खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर मायूसी है.
पूर्वांचल में लोग पान के शौकीन
पूर्वांचल में ज्यादातर लोग पान के शौकीन हैं. यहां ज्यादातर लोग घर पर ही पान खाने की पूरी व्यवस्था रखते हैं. इसके अलावा पान का उपयोग पूजा-पाठ से लेकर अन्य जगहों पर भी होता है. शादी-विवाह सहित अन्य शुभ अवसरों पर भोजन के बाद पान खाना शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि पान का पत्ता खाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, लेकिन कोरोान महामारी के चलते पान का व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया है. अब व्यापारी सरकार से मदद की आस लगाए हैं.
वाराणसी तक होती है सप्लाई
पान की सप्लाई जनपद के अलावा वाराणसी तक भी होती है, लेकिन लॉकडाउन में पान खेत में ही पड़े-पड़े सड़ गए. आमदनी न होने से पान के किसान हताश और मायूस हैं. क्योंकि इन्होंने बड़ी ही मेहनत और लगन से पान की खेती तैयार की थी. लॉकडाउन से पहले फसल लगभग तैयार हो गई थी, लेकिन लॉकडाउन लागू होते ही पान बाजारों तक नहीं पहुंच पाया. पान के पत्ते खेत में सड़ने लगे.