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लड़कियां पुरानी मानसिकता से बाहर निकलकर रखें नई सोच : तीरंदाज जीनत आरा - वूमेंस डे

सोनभद्र की रहने वाली जीनत आरा कई बार नेशनल स्तर पर खेल चुकी हैं. उनका कहना है कि लड़कियों को पुरानी मानसिकता से बाहर निकलकर नई सोच रखनी चाहिए, तब जाकर वह कुछ भी हासिल कर सकती हैं.

जानकारी देती तीरंदाज जीनत आरा

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Published : Mar 8, 2019, 1:03 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र :21वीं शताब्दी में महिलाएं सीमा की सुरक्षा से लेकर अन्य कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रही हैं. महिलाएं खेल में भी देश का नाम रोशन कर रही हैं. ऐसी ही हैं जीनत आरा, जो पिछड़े जनपद सोनभद्र में होने के बावजूद कई बार नेशनल स्तर पर खेल चुकी हैं. वह चाहती हैं कि वह वर्ल्ड चैंपियन से लेकर ओलंपिक तक में मेडल हासिल करें.

जानकारी देतीं तीरंदाज जीनत आरा.


उनका कहना है कि लड़कियों को पुरानी मानसिकता से बाहर निकलकर नई सोच रखनी चाहिए, तब जाकर वह कुछ भी हासिल कर सकती हैं. जनपद सोनभद्र में पली बढ़ी जीनत आरा के माता-पिता मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले हैं. उनके पिताजी हॉकी के कोच हैं. जीनत ने बताया कि वह एक बार अपने पिता के साथ ग्राउंड आई थीं, उस समय सोन महोत्सव चल रहा था. इस दौरान तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रीतिंदर सिंह तीरंदाजी का डेमो दिखा रहे थे. इसे देख उन्होंने तीरंदाजी करने का ठाना.

महिला दिवस पर महिलाओं के लिए जीनत ने कहा कि जो लड़कियां छोटे से घर में रहकर अपनी सोच छोटी कर बैठी हैं, वह अपनी सोच को ब्रॉड करें और आत्मनिर्भर बने. जीनत प्रदेश स्तर पर 2012 में मेरठ में आयोजित ओपन स्टेट में दो गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.

वहीं 2013 में बदायूं में आयोजित ओपन स्टेट में दो गोल्ड, दो सिल्वर, दो ब्रॉन्ज, 2014 में गाजीपुर में ओपन स्टेट सब जूनियर में एक गोल्ड और 2 सिल्वर जीत चुकी हैं. वहीं 2018 में सोनभद्र में आयोजित जूनियर-सीनियर में दो गोल्ड, चार सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त किए थे. वहीं जीनत ने ओपन नेशनल तीरंदाजी में तीन बार भाग लिया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

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