सोनभद्र:देश के 115 पिछड़े जनपदों में शामिल और नीति आयोग के आकांक्षी जनपद में शामिल सोनभद्र में भाजपा सरकार की स्वास्थ्य के क्षेत्र में शुरुआत की गई. सबसे बड़ी योजना आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड अभी तक जनपद वासियों का नहीं बन पाया, जबकि इस योजना की शुरुआत एक साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. सभी चयनित लाभार्थियों का कार्ड न बन पाने की वजह से शासन की तरफ से नवंबर तक का समय दिया गया है.
अब तक नहीं बन सका आयुष्मान भारत योजना का कार्ड. अब तक नहीं बन पाया गोल्डेन कार्ड
जनपद में कुल आयुष्मान भारत योजना के तहत 172583 परिवारों का गोल्डन कार्ड बनना था, लेकिन 1 साल से ज्यादा बीत जाने के बाद अभी 136320 लोगों का ही गोल्डन कार्ड बन पाया हैं. गोल्डन कार्ड न बन पाने की वजह से सरकार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए आदेशित किया है कि नवंबर तक सभी लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाया जाने चाहिए. इसके लिए नवंबर तक का समय स्वास्थ्य विभाग को शासन की तरफ से दिया गया है.
जल्द ही बनवाया जाएगा कार्ड
गोल्डन कार्य अतिशीघ्र बनाने के लिए प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पत्र जारी किया है और कहा है कि जहां पर अभी गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया है उनको जल्द से जल्द बनाया जाए. वहीं अगर किसी परिवार के किसी भी सदस्य का गोल्डन कार्ड नहीं बना है तो ऐसे लाभार्थियों के एक सदस्य का कम से कम अतिशीघ्र गोल्डन कार्ड बनवाया जाए. इसके लिए स्वास्थ विभाग लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है. वहीं सहज जन सेवा केंद्र और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर लोगों को गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित कर रहा है.
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कई गांवों में अब तक नहीं बना एक भी गोल्डेन कार्ड
जनपद में कई ऐसे गांव अभी भी बचे हुए हैं जहां पर पूरे गांव में एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना है. स्वास्थ विभाग का कहना है कि ऐसे गांव हमारी प्राथमिकता में है और उन गांवों को लाभार्थियों को जल्द से जल्द गोल्डन कार्ड बनवाकर दिया जाएगा. दर्शन आयुष्मान भारत योजना के तहत चिन्हित परिवार के प्रत्येक सदस्यों को एक साल में ₹500000 तक का मुफ्त इलाज किया जाता है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना है लेकिन इस योजना की शुरुआत एक साल पहले 25 सितंबर को हुई थी, लेकिन एक साल से ज्यादा बीत जाने के बावजूद भी सभी चिन्हित लाभार्थियों का कार्ड न बन पाना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है.
क्या अधिकारी नवंबर तक बनवा पाएंगे गोल्डेन कार्ड...
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि जनपद में कुल 172583 परिवार गोल्डन कार्ड के लिए चिन्हित है. इनमें से 136320 लोगों का गोल्डन कार्ड बना है वहीं जिन गांव में किसी कारणवश एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बन पाए हैं उन गांव को प्राथमिकता के आधार पर गोल्डन कार्ड बनाने का काम किया जाएगा. वहीं शासन की तरफ से नवंबर तक का समय दिया गया है हमारी कोशिश यह होगी कि नवंबर तक सभी लोगों का आयुष्मान भारत का गोल्डन कार्ड बन जाए. अब देखना यह होगा कि नवंबर तक क्या सभी चिन्हों का आयुष्मान कार्ड बन पाता है.