सीतापुर: जिले में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के तत्वावधान में संचालित डिजिटल कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों और अभिभावकों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से अलग-अलग विषयों की लिंक और वीडियो साझा किए जा रहे हैं. इसकी मदद से घर पर बच्चे अभिभावकों और बड़े भाई बहनों की मदद से अलग-अलग आर्ट, क्राफ्ट और विज्ञान विषय के मॉडल बना रहे हैं.
कार्यक्रम समन्वयक भाष्कर तिवारी ने बताया कि कोरोना की वैश्विक समस्या के चलते लंबे समय से स्कूल्स बंद हैं. लॉकडाउन की स्थित में सभी बच्चे और बड़े घरों में हैं. ऐसी स्थिति में इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जानकारी स्मार्ट फोन के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, ताकि बच्चों का समय सीखते हुए बीते और बच्चे सकारात्मक रहें.
बच्चे बना रहे कई प्रकार के मॉडल
सीतापुर के चार ब्लॉक से लगभग 1000 स्मार्ट फोन के फोन नंबर चिन्हित करके विभिन्न प्रकार की डिजिटल सामग्री बच्चों के साथ साझा की जा रही है. इससे बच्चे अपने घर की विभिन्न प्रकार की सामग्री जैसे खाली बोतल से थर्मस का मॉडल, चूड़ियों का मोर, पुराने गत्तों से गणितीय आकृति त्रिभुज, वृत्त आदि का मॉडल बना रहे हैं.
हाथ की कला कृतियां, आर्ट कोर्स, फाइन आर्ट, स्टोन आर्ट, इंग्लिश और विज्ञान आदि कंटेंट साझा किए जा रहे हैं. पुरानी चीजें जैसे डिब्बे, कागज, अखबार, कार्ड, ढक्कन का प्रयोग करके घर को सजाने की सामग्री तैयार कर रहे हैं. साथ ही साथ अनेक प्रकार के लर्निंग ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड करके सीखने की प्रक्रिया को और मजबूत किया जा रहा है. बच्चे अनेक प्रकार के मॉडल बनाकर भेजते भी हैं.
समुदाय में बच्चों को प्रति सप्ताह 4 वीडियो लिंक, भाषा और गणित के साधारण फोन के टेक्स्ट संदेश भेजे जा रहे हैं. बच्चे घर पर अभिभावकों की मदद से सीख रहे हैं. फाउंडेशन कोर्स का ऐप भी प्ले स्टोर से डाउनलोड करके बच्चे घर पर लेवल अनुसार भाषा, गणित और अंग्रेजी विषय सीख सकते हैं. इसके साथ-साथ प्रथम डिजिटल ऐप भी प्ले स्टोर से डाउनलोड करके घर बैठे अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और अन्य भाषा विषय सीख सकते हैं.
कुल 7500 बच्चे कवर किए जा रहे हैं
आंगन शाला कार्यक्रम का पहला चरण अप्रैल, मई और जून माह में संचालित किया गया था. इसमें बच्चों के साथ अनेक प्रकार की डिजिटल सामग्री साझा की गई थी. आंगन शाला का दूसरा चरण जुलाई , अगस्त और सितंबर माह में संचालित किया जायेगा. इसमें स्मार्ट फोन, टेबलेट और राजबेरी पाई लर्निंग डिवाइस की मदद से गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषय के कंटेंट साझा किए जाएंगे. वर्तमान में चार विकास खंड के 200 गांवों में 1000 स्मार्ट फोन और 1200 टेबलेट की मदद से कुल 7500 बच्चे कवर किए जा रहे हैं. इनके साथ साप्ताहिक लिंक साझा की जा रही है.