सीतापुर: जिले में खनन के कारण बने बड़े-बड़े गढ्ढों में भरा बरसात का पानी लोगों के लिये जानलेवा साबित हो रहा है. मंगलवार को दो सगे भाई बहन बरसाती पानी में डूबकर मौत का निवाला बन गये. इससे पहले शनिवार को इसी थाना क्षेत्र में तीन बच्चों की बरसात के पानी में डूबने से मौत हो गई थी.
रायमरोड़ गांव की घटना
तंबौर थाना क्षेत्र के रायमरोड़ गांव निवासी महेश अपनी पत्नी के साथ गांव के पश्चिम में खेत में रोपाई करवा रहा था. तभी उसके दो बच्चे जूली 6 वर्ष और सोनू 5 वर्ष भी खेत में पहुंच गए. इसी के बगल में खेत में पड़ोस के ही ईंट भट्ठा मालिक द्वारा खेत की खुदाई कर मिट्टी निकाली गई थी. जिससे खेत में गहरा गड्ढा हो गया था. दोनों बच्चे खेलते-खेलते गढ्ढे के पास पहुंच गए और फिसलकर पानी में गिर गये, जिसमें दोनो बच्चों की डूबकर मौत हो गयी.
परिवार में मचा कोहराम
पता चलते ही परिजन उन्हें सीएचसी तंबौर लेकर गए जहां दोनों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. सूचना पाकर सीओ बिसवां समेत तंबौर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी हासिल की. परिजनों ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है. दोनों बच्चों की असामयिक मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है.
हादसों का कारण बने हैं गड्ढे
बता दें कि इससे पहले शनिवार को इसी थाना क्षेत्र के ग्राम सिरहाना मजरा इस्माइलगंज में तीन बच्चों की इसी तरह बरसात के पानी मे डूबने से मौत हो गई थी. स्थानीय निवासी विनोद पाल और नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि ईंट भट्ठों के मालिक द्वारा इलाके में कराये गये मिट्टी खनन से खेतों में बड़े-बड़े गढ्ढे बने हुए हैं. इन गढ्ढो में बरसात का पानी भरा हुआ है जो इन दिनों हादसों के कारण बने हुए हैं.