सीतापुर : सोमवार को सोमवती अमावस्या और मौनी अमावस्या का सुखद संयोग है, माघ माह की इस सोमवती और मौनी अमावस्या पर तीर्थ और सरोवर में स्नान के साथ दान का विशेष महत्व है, इस दिन 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य में करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.
सोमवती और मौनी अमावस्या का सुखद संयोग, ऐसा करने से मिलेगा विशेष फल - सोमवती अमावस्या
सोमवती और मौनी अमावस्या का सुखद संयोग, ऐसा करने से मिलेगा विशेष फल
नैमिषारण्य स्थित चक्रतीर्थ में प्रत्येक अमावस्या पर स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. तौर पर इस दिन यहां आदिगंगा गोमती और चक्रतीर्थ में करीब एक लाख श्रद्धालु स्नान करते हैं, लेकिन इस बार माघ महीने में सोमवती अमावस्या और मौनी अमावस्या का एक ही दिन संयोग पड़ रहा है. इसलिए इसका महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. इस सम्बंध में ज्योतिषाचार्य सदानन्द शास्त्री से ने बताया कि इस अवसर पर प्रयाग के संगम और नैमिषारण्य में स्नान दान का विशेष महत्व है. उन्होंने बताया कि सोमवती अमावस्या पर एक दिन पहले से लेकर एक दिन बाद तक स्नान करने से पूरे माह मास के स्नान का पुण्य फल प्राप्त होता है.
उन्होंने बताया कि इस मौके पर मौन रहकर स्नान करना चाहिए. मौनी अमावस्या के दिन तिल डालकर स्नान और तिल का दान करना चाहिए. इसके अलावा वस्त्र और छत्र का दान भी किया जाय तो और बेहतर होता है. शास्त्री के अनुसार नैमिषारण्य सतयुग का तीर्थ है, यहां पर स्नान और दान करने से कई गुना फल प्राप्त होता. यह विधान करने से रोग और कष्ट से छुटकारा मिलने के साथ ही पुण्यलाभ अर्जित होता है.