सीतापुर: सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही शनिवार को नैमिषारण्य में कथा व्यास अनिल शास्त्री द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत पारायण महायज्ञ में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य आदिकाल से काफी महत्वपूर्ण तीर्थ रहा है, यहीं पर महर्षि वेदव्यास जी ने तपस्या कर वेद और पुराणों की रचना की थी. धार्मिक महत्व के कारण बड़ी संख्या में साधक और धार्मिक पर्यटक यहां आते हैं.
धरोहर के रूप में तीर्थों का हो रहा विकास, नैमिषारण्य का भी होगा कायाकल्प - सीतापुर
शनिवार को सूबे के कृषि मंत्री नैमिषारण्य में आयोजित श्रीमद्भागवत पारायण महायज्ञ में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि जल्द ही नैमिषारण्य का कायाकल्प शुरु होगा.
नैमिषारण्य का भी होगा कायाकल्प.
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प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि राज्य सरकार सभी तीर्थों को धरोहर के रूप में विकसित कर रही है, जिसमें 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य भी शामिल है. इस तीर्थ के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है जो यहां आने वाले धार्मिक पर्यटकों को तो आकर्षित करेगी ही साथ ही इस तीर्थ की महत्ता को भी बढ़ाने में सहयोग करेगी.