सीतापुरः नामी अपराधियों और नेताओं के बंद होने के कारण सदैव चर्चा में रहने वाली सीतापुर जिला जेल एक बार फिर चर्चा में है. हालांकि इस बार चर्चा की वजह कुछ और ही है. यहां एक विचाराधीन बंदी की मौत के मामले ने जेल प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है. साथी बंदी की असामयिक मौत से आक्रोशित जेल के कैदी और बंदियों ने शनिवार को भोजन का बहिष्कार कर भूख हड़ताल शुरू कर दी है.
इन बंदियों ने जेल प्रशासन की प्रताड़ना को बंदी की मौत का कारण बताया है. मामले की सूचना पाकर डीआईजी जेल ने जिला जेल पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है. दूसरी ओर कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही ने भी कहा कि जांच में दोषी पाये जाने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, भले ही वह कितनी पहुंच वाला क्यों न हो.
जिला कारागार में अप्रैल 2020 से बंद मिश्रिख के रन्नुपुर निवासी बबलू सिंह पर नाबालिग लड़की से गैंगरेप का आरोप लगा था. इसके बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था. मृतक की मां के मुताबिक गुरुवार को वह अपने बेटे बबलू से पेशी के दौरान मिली थी तो वह पूरी तरह से स्वस्थ था. अचानक पेट में दर्द की शिकायत के बाद उसे शुक्रवार की दोपहर जिला अस्पताल में उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई. विचाराधीन बंदी बबलू की मौत की कहानी परिवार वालों के गले नहीं उतर रही. उन्होंने जेल प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा भी काटा.
मृतक की मां ने तो जेल प्रशासन व डॉक्टरों पर उसकी हत्या करने का आरोप तक लगा डाला. इसके बाद बदलते हुए घटनाक्रम में अचानक बीती देर शाम कैदियों ने जेल में तैनात फार्मासिस्ट की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए जेल में हंगामा काटा और भूख हड़ताल कर दी. कैदियों की भूख हड़ताल की सूचना जिला प्रशासन को लगते ही जेल प्रशासन सहित जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए.