सीतापुर:जिले के एक 58 साल के किसान ने कृषि क्षेत्र में एक ऐसा व्यवसायिक कार्य किया है, जिससे किसान सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहा है. ये किसान पूरे जिले के लिए मिसाल बन गया है. किसान के विषय में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही ने ट्वीट कर लिखा कि सीतापुर जिले में कृषि विभाग की आत्म योजना से प्रेरित होकर खालेगढ़ी गांव के किसान श्री किशोरी लाल पिछले दो सालों से वर्मी कंपोस्ट, जीवामृत, घनामृत, दशपरणी आदि का व्यवसायिक उत्पादन कर रहे हैं. उन्होंने इन सामानों की बिक्री 10 हजार से शुरू की थी और आज के समय वे इन सामानों से प्रति माह 25 हजार आय प्राप्त कर रहे हैं.
लाखों रुपये की कर रहे कमाईविकास खण्ड गोंदलामऊ क्षेत्र के खालेगढ़ी गांव के रहने वाले किशोरी लाल केंचुआ खाद को व्यवसाय के रूप में अपनाकर लाखों रुपये का कारोबार कर रहे हैं. वे इसके माध्यम से कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. इस कार्य में उनके तीन बच्चे भी रोजगार से जुड़े हुए हैं. जिले के अलावा हरदोई, बाराबंकी, लखनऊ, लखीमपुर समेत कई जिलों के किसान यह खाद खरीद कर अपने खेतों में अच्छी फसल उगा रहे हैं.
जिलों तक पहुंचा रहे केचुए की खादकिसान ने बताया कि पहले वह भी रासायनिक खाद का प्रयोग कर के खेती करते थे. खेतों में रासायनिक खाद और दवाओं का प्रयोग करने से मुझे महसूस हुआ कि फसल की पैदावार में धीरे-धीरे कमी आ रही है. मेरा स्वास्थ्य भी बिगड़ता जा रहा था. मुझे लगा कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे मेरा स्वास्थ्य भी अच्छा रहे और हमारी फसल की पैदावार भी कम न हो. इसके चलते हमने कृषि विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क किया. वहीं से मुझे केचुआ की खाद तैयार करने के लिए 2016-17 में 6 हजार रुपये का अनुदान मिला था. इससे मैंने 7×3 फिट गहरे गड्ढे में केचुए की खाद तैयार की और उसका प्रयोग अपने खेत में किया, जिससे फसल की अच्छी पैदावार होने लगी. 2018 में स्थानीय व्यवसायी अनूप मिश्र के सहयोग से केचुआ खाद तैयार करने का क्षेत्र एक हजार फीट में कर लिया. पिछले वर्ष हमने 100 क्विंटल जैविक खाद बेची थी. इस वर्ष हमने लगभग 200 क्विंटल खाद 20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची है. इस समय जनपद के साथ-साथ आसपास के जिलों के किसान खाद खरीद रहे हैं और आर्गेनिक खेती कर अच्छी फसल का उत्पाद कर रहे हैं.