सीतापुर : शहर में पेयजल व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने के उद्देश्य से 'अमृत योजना' लागू की गई, लेकिन शुरू होने के पहले ही ये योजना शहर के सौंदर्य में विष घोल रही है. इस योजना के तहत पाइप लाइन के लिए सड़कें खोदी जा रही हैं, जिससे पूरा शहर नर्क में तब्दील हो गया है. सड़कों पर गड्ढों से निकल रही मिट्टी और उसके गर्दोगुबार से लोंगो का सांस लेना मुश्किल हो रहा है.
सीतापुर शहर वासियों को घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने अमृत योजना लागू की थी. इस योजना पर पहले चरण में 3154.60 लाख और दूसरे चरण में 3589.08 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई. योजना पर करीब दो वर्ष पहले काम भी शुरू हो गया था, लेकिन सुस्त रफ्तार के कारण अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है.
जल निगम के अधिशासी अभियंता ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 28 नलकूपों को संचालित किया जाना है, जिसमें अधिकांश नये और कुछ रिबोर किये जाने हैं. छह ओवरहेड टैंक का निर्माण होगा, जिनमें से पांच पर कार्य चल रहा है. इसके अलावा करीब 128 किलोमीटर पाइप लाइन डाली जानी है. इसमें 80 किलोमीटर पाइप लाइन डाली जा चुकी है.