सीतापुर:जनपद की नदियों, जल और वन संरक्षण एवं पर्यावरण पर अपने मुद्दे पर बात रखने के लिए नर्मदा बचाओ आंदोलन की सूत्रधार एवं जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय की प्रमुख मेधा पाटकर रविवार को विश्वा के एलपीएस ग्लोबल स्कूल पहुंची. जहां उन्होंने जल संरक्षण पर बात करते हुए कहा कि वर्तमान समय में नदियों के संरक्षण के साथ ही जल संरक्षण की सबसे ज्यादा आवश्यकता है. इसके लिए हमें तालाबों के संरक्षण पर ध्यान देना होगा. तभी हमारी बड़ी नदियां संरक्षित की जा सकती है.
मेधा पाटकर ने कहा कि केवल नदी को माता कहने से काम नहीं चलेगा. सभी जल स्रोतों को बचाना है. अस्तित्व खो रही नदियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि रेत खनन सबसे बड़ी वजह है जिसके कारण नदियों का अस्तित्व खत्म हो रहा है. क्योंकि रेत ही पानी को पकड़ कर रखती है हम लोगों को चाहिए कि अवैध रेत खनन के विरुद्ध आवाज उठाएं. आज नदियों में अवैध बालू खनन के चलते तमाम छोटी-छोटी नदियां जिनमें कभी पूरे वर्ष भर जल का प्रवाह होता था. आज मृतप्राय हो गई हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ आने पर दोष नदी का नहीं बल्कि हमारा है. कोई भी चीज जो प्राकृतिक अवस्था में है. उसको बिना बर्बाद किए अगर उस पर कोई काम किया जाए तो उसे विकास कहते हैं न कि प्रकृत से खिलवाड़ कर हम विकास कर सकते हैं.