सीतापुर: एक ओर कोरोना संक्रमण की भयावह तस्वीर है तो दूसरी ओर इसके भय से लोगों में पनपी साफ-सफाई की प्रवृत्ति ने मच्छर जनित डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के प्रकोप पर अंकुश लगा दिया है. इतना ही नहीं गैस्ट्रो और टाइफाइड जैसी बीमारियों में भी काफी कमी आई है. कोरोना संक्रमण का साया तो लोगों पर है ही, लेकिन डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों को लेकर अब वे निश्चिंत दिखाई दे रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक कर रहे हैं.
प्रदेश के अन्य जिलों की तरह सीतापुर जिले में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस को अपनाकर लोगों ने साफ-सफाई पर खासा ध्यान दिया है. इसके संक्रमण से बचाव के लिए लोगों ने पर्सनल हाइजीन पर ध्यान केंद्रित किया है और घर के आसपास की गंदगी को हटाकर साफ-सफाई को महत्व दिया है. लोगों की यह प्रवृत्ति मच्छर जनित डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों पर अंकुश लगाने में सफल रही है. वहीं बाहर के खानपान से परहेज के कारण दूषित पेयजल और दूषित भोज्य पदार्थों से होने वाली पेट संबंधी बीमारियों में भी काफी हद तक गिरावट आई है.
चौंकाने वाले हैं आंकड़े
डेंगू के प्रसार पर नियंत्रण हेतु नियुक्त किये गए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 में 10 सितंबर तक डेंगू के 96 केस सामने आये थे, जबकि इस बार इस अवधि में सिर्फ 6 केस ही सामने आए हैं. चिकनगुनिया के पिछले वर्ष 4 केस पंजीकृत हुए थे, लेकिन इस बार सिर्फ दो केस पंजीकृत हुए हैं. पिछले पूरे वर्ष में मलेरिया के कुल 1,264 केस सामने आए थे. इस वर्ष 10 सितंबर तक 121 केस सामने आए हैं. पिछले वर्ष दिमागी बुखार के 145 केस सामने आए थे, जबकि इस बार 28 केस सामने आए हैं. जुलाई और अगस्त का महीना इन बीमारियों के लिए काफी पीक होता है, लेकिन इस बार मरीजों की संख्या सीमित रही है.