सीतापुर:अधिकारियों से मुलाकात आसान नहीं है. कोरोना के काल में और भी मुश्किल है. सीतापुर के डीएम कार्यालय में फरियादियों के एप्लिकेशन लेने के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है. मगर कई बार ऐसे लोग भी आवेदन लेकर आते हैं, जिन्हें सरकारी योजनाओं की सख्त दरकार होती है. डीएम जैसे आला अधिकारी की नजर में मामला आ जाए, तो समस्या का समाधान जल्द होने की उम्मीद बनी रहती है. ऐसी ही उम्मीद में एक दिव्यांग दंपति शुक्रवार को डीएम ऑफिस पहुंचे. जिला अधिकारी कार्यालय तक आने के पैसे नहीं थे, तो दंपति ने अपनी पायल बेच दी. दुखद यह रहा कि उनका आवेदन तो जमा हो गया मगर डीएम से मुलाकात नहीं हो सकी.
डीएम साहब! 70 किलोमीटर दूर से मिलने आया है अशक्त दंपति
यूपी के सीतापुर में शुक्रवार को एक दिव्यांग दंपति अपने घर से 70 किलोमीटर दूर से डीएम ऑफिस पहुंचा. दंपति के पास जिला अधिकारी कार्यालय तक आने के पैसे नहीं थे, तो दंपति ने अपनी पायल बेच दी. लेकिन अफसोस फिर भी उनकी मुलाकात डीएम से नहीं हो सकी.
पायल बेचकर पहुंचे कलेक्ट्रेट
महमूदाबाद तहसील के गांव जेनीपुर मजरा लालपुर के रहने वाले रामप्रसाद दिव्यांग हैं, उनकी पत्नी सविता देवी भी अशक्त हैं. दंपति के पास जीविका का कोई साधन नहीं है. रोजी-रोटी के लिए सड़क किनारे पान मसाला बेचते हैं. जरूरत का आलम यह है कि उनके सिर पर छत नहीं है. आज तक राशन कार्ड बना ही नहीं, तो दाल-रोटी के लिए पैरों पर घसीटना पड़ता है. सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह दंपति स्थानीय तहसील के चक्कर काटता रहा, मगर वहां किसी ने मदद नहीं की. किसी ने बता दिया कि समस्याओं का समाधान डीएम साहब के पास मिलेगा, तो पायल बेचकर सीतापुर जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट पहुंच गए.
रामप्रसाद का कहना है कि वह सुविधाओं के लिए तहसील के कई चक्कर लगा चुके हैं, मगर मदद का आश्वासन नहीं मिल सका है. अब डीएम कार्यालय में आवेदन दिया है. जिला प्रशासन तक उनका आवेदन पहुंचा है, डीएम ऑफिस किस प्रक्रिया के तहत योजनाओं का लाभ मिलेगा. इस बारे में आधिकारिक पक्ष नहीं मिल पाया है.